हाइलाइट्स
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विधानसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों ने दिखाई सक्रियता
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क्षेत्रीय दल लोकसभा चुनाव मैदान से दूर
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बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला
रायपुर। Lok Sabha Election 2024: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चों ने जमकर सुर्खियां बटोरीं थी। इसके बाद से क्षेत्रीय दल के नेता गायब से हो गए हैं। इधर लोकसभा चुनाव दहलीज पर है, लेकिन सियासी मैदान में दूर-दूर तक इन क्षेत्रीय मोर्चों की कोई चर्चा नहीं हैं।
अब तीसरे मोर्चे यानी क्षेत्रीय दल के खिलाड़ी लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) चुनाव मैदान से नदारद नजर आ रहे हैं। विधानसभा चुनाव में इन मोर्चों ने जमकर पसीना बहाया। नए-नए वादों और गारंटियों से जनता को लुभाने की कोशिश की, लेकिन सत्ता की चाबी तीसरे मोर्चे के हाथ नहीं लगी।
लोकसभा चुनाव में नहीं सक्रिय
बता दें कि आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कई नेताओं ने विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद इस्तीफा दे दिया। जोगी जनता कांग्रेस अपने को क्षेत्रीय पार्टी करार देते हुए सिर्फ विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कह रही है।
वहीं हमर राज पार्टी की चर्चा ना के बराबर है। छत्तीसगढ़ियावाद की बात को लेकर छत्तीसगढ़ की राजनीति में कदम रखने वाले छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना भी अब लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। इसके अलावा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की भी कोई चर्चा नहीं है।
कोर कमेटी लेगी निर्णय
जोगी जनता कांग्रेस के भगवानू नायक का कहना है कि कोर कमेटी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर जो निर्णय लेगी, उसके आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
बता दें कि ये पार्टी क्षेत्रीय पार्टी है। इसके चलते केवल विधानसभा चुनाव में ही अपनी दावेदारी पेश करती है। ऐसा पार्टी के नेताओं का भी कहना है।
हाई कमान के निर्णय पर काम करेंगे
आम आदमी पार्टी के नेता विजय झा का कहना है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने दूसरे राज्यों में लोकसभा (Lok Sabha Election 2024) सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन में है।
आप हाई कमान से जो भी निर्णय होगा, उसके अनुसार काम किया जाएगा। छत्तीसढ़ में कांग्रेस है, यहां इंडिया गठबंधन के अनुसार कितनी सीटें मिलती है, उसके अनुसार काम किया जाएगा। हां हम क्षेत्रीय चुनाव, नगरीय निकायों के चुनाव जरूर लड़ेंगे।
तीसरे दल की कोई संभावना नहीं
इधर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में तीसरे मोर्चे की गैरमौजूदगी पर बीजेपी-कांग्रेस के अपने-अपने तर्क है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों का कहना है कि तीसरे दल की कोई संभावना नहीं है।
दोनों प्रमुख दलों का कहना है कि विधानसभा में तीसरे मोर्चे को लेकर कोई चर्चा नहीं थी, इसलिए तीसरा मोर्चा लोकसभा चुनाव में एक्टिव नहीं रहने का कारण है।
इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि विधानसभा चुनाव में जरूर तीसरा मोर्चा अपनी ताकत दिखाने की कोशिश करता है, लेकिन जनता नकार देती है। विधानसभा में भले ही एक दो सीट आ जाए, लेकिन लोकसभा में इनका अस्तित्व ही नहीं रहता है।
कांग्रेस भी क्षेत्रीय दल की भूमिका में
बीजेपी प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव का कहना है कि लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) राष्ट्रीय मुद्दों का चुनाव है। इसमें क्षेत्रीय दल आगे नहीं आते हैं, ये जरूर है कि ये अपने क्षेत्र में अपना प्रभाव दिखाते हैं, लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों पर इनकी कोई खास पकड़ नहीं है।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला है। लेकिन छत्तीसगढ़ में अब कांग्रेस पार्टी भी क्षेत्रीय दल की भूमिका में आ गई है।
क्षेत्रीय दलों का फोकस स्थानीय मुद्दे
चुनावी माहौल के बीच तीसरे मोर्चों की गैरमौजूदगी उनके अस्तित्व पर सवाल खड़ा करती है। साथ ही ये भी बताती है कि छत्तीसगढ़ में मौजूदा सियासी हालातों के बीच तीसरे मोर्चे की संभावनाएं बेहद कम है।
मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस के बीच होता आया है और आगे भी होता रहेगा। हालांकि क्षेत्रीय दल अपने अनुसार क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर ही चुनाव मैदान में आते हैं। ये दल विधानसभा चुनाव और नगरीय निकायों के चुनाव में ही दिखाई देते हैं।
इन चुनावों में इनके उम्मीदवार भी जीतकर आते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में इनकी दावेदारी न के बराबर मानी जाती है।
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