Sleep Related Problems: कुछ घंटे सोने के बाद रोज़ रात में टूट जाती है नींद? तो करें ये उपाय
तनाव या चिंता के कारण ब्रेन शांत नहीं हो पाता। इससे डीप स्लीप में जाना मुश्किल होता है और नींद बार-बार टूटती है।सोने से पहले फोन देखने की आदत से मेलाटोनिन हार्मोन कम होता है, जिससे स्लीप साइकिल बाधित होती है और बार-बार नींद खुलती है।शरीर में तरल पदार्थ की अधिकता या ब्लैडर की कमजोरी के कारण नींद बीच में टूटती है, खासकर बुजुर्गों में यह समस्या आम है। कुछ बीमारियां जैसे डायबिटीज, थायरॉइड या हार्मोनल असंतुलन नींद में बाधा डालते हैं और स्लीप क्वालिटी पर असर डालते हैं। रोजाना सोने और उठने का समय अलग-अलग रखने से बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ती है, जिससे रात में बार-बार नींद खुल सकती है। हर दिन एक जैसा स्लीप टाइम, कैफीन से दूरी, और मेडिटेशन जैसे उपाय अपनाकर नींद की क्वालिटी बेहतर की जा सकती है। अगर कई हफ्तों तक नींद बार-बार टूट रही है, तो नींद विशेषज्ञ से मिलना जरूरी है। यह स्लीप डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है।