Samvida Karmchari News: मप्र में नई संविदा नीति जारी करने के ठीक 11 माह बाद गुरुवार (27 जून) को ऊर्जा विभाग ने अपने छह हजार संविदा कर्मचारियों के लिए नई संविदा नीति लागू कर दी है।
इस नई नीति को लागू करने के बाद इन 6 हजार कर्मचारियों को संविदा कर्मचारियों के बराबर सुविधाएं मिलेंगी। अब संविदा कर्मचारियों के केस में हर वर्ष रिपोर्टिंग ऑफिसर के द्वारा संविदा कर्मचारी के मूल्यांकन के आधार पर सेवाएं जारी रहेंगी।
प्रतिवर्ष नहीं होगा कॉन्ट्रैक्ट
संविदा कर्मचारियों के लिए नई संविदा नीति लागू करने वाला पहले विभाग ऊर्जा विभाग था, इसके बाद विभागों में यह नई नीति को लागू किया गया था। बता दें कि, संविदा कर्मचारियों के मामले में हर साल मूल्यांकन की व्यवस्था को लागू किया गया है।
इसमें कॉन्ट्रैक्ट को पूर्ण रूप से समाप्त नहीं किया जाएगा, लेकिन अभी तक 500 रुपए के नॉन ज्यूडिशियल स्टांप के माध्यम से तीन साल की कार्यअवधि बढ़ाई जाती थी, जिस प्रक्रिया को अब खत्म कर दिया गया है।
इसके स्थान पर सिर्फ एक बार संविदा कार्यकाल का कॉन्ट्रैक्ट विभाग द्वारा किया जाएगा, जो कि हर साल सीआर (गोपनीय चरित्रावली) के आधार पर हर बार अपने आप ही कार्यकाल में बढ़ोतरी होती जाएगी।
बता दें कि मूल्यांकन में ग्रेडिंग D और 3 अंकों से कम होने की स्थिति में संविदा कर्मचारी की सेवाओं पर संकट रह सकता है। हालांकि, इस स्थिति में भी कर्मचारी को रिपोर्टिंग ऑफिसर के सामने अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।
ऊर्जा विभाग ने जारी की न्यू संविदा पॉलिसी
मई संविदा नीति को कैबिनेट से 22 जुलाई 2023 को मंजूरी मिली थी। कैबिनेट से स्वीकृति के बाद नई संविदा नीति को सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी कर दिया था। वहीं, समस्त विभागों में काम करने वाले संविदा कर्मचारियों के लिए संविदा सेवा (कॉन्ट्रैक्ट की सेवा शर्तें) नियम 2023 को लागू किया जाना था।
साथ ही ऊर्जा विभाग ने पावर मैनेजमेंट कंपनी के लिए 5 कंपनियों (पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, जेनरेशन और ट्रांशमिशन, मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी) में न्यू संविदा पॉलिसी को लागू करने के आदेश सबसे पहले जारी किए थे।
ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव मनु श्रीवास्तव के मुताबिक, शासन के द्वारा जारी की गई नई संविदा नीति को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
निलंबन के दौरान मिलेगा 50 फीसदी वेतन
नई संविदा नीति से पहले संविदा कर्मचारियों के काम से खुश नहीं होने पर हर साल अनुबंध नवीनीकरण किए जाने की शर्त थी, जिसमें उन्हें बर्खास्त किया जा सकता था। अब नियमित कर्मचारियों के समान ही उनके निलंबन की कार्रवाई होगी।
2 महीने तक उन्हें उनके कुल वेतन का 50 प्रतिशत वेतन का भुगतान किया जाएगा। वहीं नई नीति के तहत संविदा कर्मचारी को कार्यालय स्तर पर एक जांच कमेटी को गठित किया जाएगा, जो कि पूरे मामले की जांच करेगी।
अगर इसके बाद अगर कर्मचारी किसी गंभीर दोष में लिप्त पाया जाता है तो इस स्थिति में सेवा शर्तों को खत्म कर दिया जाएगा या फिर वेतन वृद्धि को रोके जाने की कार्रवाई की जाएगी।
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