नई दिल्ली। बीते दिनों बुध और Shukra ka Gochar 2022 सूर्य के बाद अब शुक्र ग्रह भी अपना shukra ka rashi parivartanराशि परिवर्तन करने जा रहा है। दो दिन बाद 22 मई को शुक्र मीन से मेष में प्रवेश करेंगे। आपको बता दें शुक्र को शौर्य, समृद्धि और साहस का प्रतीक grah gochar may 2022 माना जाता है। इसलिए ये विभिन्न राशि के जातकों के जीवन में बड़े बदलाव जरूर लाता है। सबसे गोचर के दौरान सबसे खास बात ये है कि शुक्र अपनी स्वराशि छोड़ने वाले हैं। तो चलिए पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार हम बताते हैं कि शुक्र के लक्षण, स्वभाव और उपाय क्या हैं।
22 मई को शुक्र का गोचर —
महीने के चौथे ग्रह परिवर्तन के रूप में शुक्र ग्रह 22 मई का अपना राशि परिवर्तन करेंगे। आपको बता दें अभी तक मीन राशि में चल रहे शुक्र 22 मई को मीन से मेष में प्रवेश कर जाएंगे। अभी तक शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में देकर अच्छा फल दे रहे थे लेकिन अब मेष में गोचर के बाद इन पर राहु का साया पड़ जाएगा।
राशियों पर असर —
यानि अब सांसारिक सुखों के कारण शुक्र का प्रभाव कम हो जाएगा। जिसके चलते ये अच्छा फल नहीं दे पाएंगे। लोगोें के स्वास्थ्य में कमी आएगी। धन वैभव और सांसारिक सुखों का भोग जातक नहीं ले पाएंगे।
आप भी जान लें शुक्र का स्वभाव —
शुक्र ग्रह को संसारिक सुखों का कारक माना जाता है। वृषभ और तुला इनकी स्वराशि हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में शुक्र अपनी इस स्वराशि में होते हैं तो व्यक्ति को सफलता मिलती है। मीन इस ग्रह की उच्च तो कन्या नीच राशि है।
कुंडली में ऐसे देखें शुक्र की स्थिति —
तुला और वृष शुक्र की स्वराशि हैं। तो वहीं मीन इसकी उच्च राशि है। इसके अलावा कन्या राशि इसकी नीच की राशि है। यानि अगर आपकी कुुंडली में भी शुक्र इन स्थानों में बैठे हैं तो ये अपने भाव के अनुसार शुभ—अशुभ फल देंगे। यानि जिन जातकों की कुंडली में शुक्र 4, 8 और 12 वें भाव में हैं उन्हें ये कष्टकारी हो सकते हैं। शेष राशियों पर इनका प्रभाव सामान्य रहेगा।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।