हाइलाइट्स
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मंडल ने गौ सेवा आज से ठीक पांच साल पहले शुरू की
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आदर्श गौशाला में दान किया 3900 किलो हरा चारा
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मानव सेवा के कार्यों में भी सक्रिय है श्रीराम भक्त मंडल
Gwalior News: श्रीराम भक्त मंडल ग्वालियर ने हरियाली अमावस के मौके पर रविवार, 4 अगस्त को आदर्श गौशाला लाल टिपारा मुरार में 3900 किलो हरा चारा का दान किया।
यहां बता दें श्री रामभक्त मंडल पांच साल से गौ सेवा के कार्य में लगा है।
मंडल पांच साल से गौ सेवा कर रहा
मंडल के अध्यक्ष नन्दकिशोर गोयल ने बताया कि मंडल ने गौ सेवा 4 अगस्त 2019 में गोले का मंदिर मार्क हॉस्पिटल गौ शाला से शुरू की थी,
जो आज भी प्रभु कृपा एवं श्री गौ माता के आशीर्वाद से तथा मंडल के गौ सेवकों के सहयोग से निरंतर जारी है और आगे भी इसी प्रकार जारी (Gwalior News) रहेगी।
गौ सेवा और मानव सेवा की मंडल का ध्येय
उन्होंने बताया कि मंडल द्वारा गौ सेवा के अलावा मंडल के सदस्यों के घर पर सुंदरकांड पाठ कराया जाता है
तथा निराश्रित निर्धन असहाय लोगों को भोजन इत्यादि वितरण करके मानव सेवा भी करता है।
श्रीराम भक्त मंडल अपनी भगवत भक्ति, गौ सेवा तथा मानव सेवा रूपी त्रिवेणी का समागम करते हुए समस्त
जनमानस को सनातन धर्म, गौ सेवा तथा मानव सेवा से जुड़ने के लिए प्रेरित करने का कार्य कर रहा (Gwalior News) है।
इन पदाधिकारियों ने की गौ सेवा
आज की सेवा में मंडल के अध्यक्ष नन्दकिशोर गोयल, सचिव मुकेश खंडेलवाल, संयुक्त अध्यक्ष अरविंद मित्तल, कोषाध्यक्ष नरेंद्र शर्मा, संयुक्त सचिव विशाल गुप्ता, उपाध्यक्ष प्रेम किशोर गोयल एवं मंडल के सेवक उपस्थित (Gwalior News) रहे।
प्रदेश की सबसे बड़ी है आदर्श गौशाला
जिले के मुरार क्षेत्र में स्थित आदर्श गौशाला मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी गौशाला है।
यह गौशाला नगर निगम के अधीन है, लेकिन संतों द्वारा संचालित की जा रही है।
इस गौशाला में बीमार और चोटिल गौवंश को इलाज के लिए लाया जाता है और इलाज के बाद उनकी देख-रेख और सेवा भी यहीं पर की जाती है।
वर्तमान में इस गौशाला में करीब 8000 गौवंश की सेवा यहां रहने वाले संत और गौसेवक करते (Gwalior News) हैं।
ठंडक के लिए लगवाए फव्वारे
गौशाला में सेवा कर रहे संतों का कहना है कि यहां गौवंश के लिए हर सीजन के हिसाब से रख-रखाव और अन्य व्यवस्थाएं जुटाई जाती हैं।
गर्मियों में गौवंश को ठंडक पहुंचाने और गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए खास इंतजाम किए जाते हैं।
गौशाला में ठंडी हवा के लिए बड़े-बड़े कूलर लगवाए जाते हैं। साथ ही लू से बचाव के लिए पानी के फव्वारों की व्यवस्था की जाती है।
इसके लिए शेड की छत से लगातार पानी की फुहार निकलती रहती है और कूलर पंखों की हवा से उन्हें ठंडक मिलती रहती है।
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खाने में दिए जाते हैं तरबूज-ककड़ी
गर्मी के मौसम लू और गर्मी से बचाने के लिए मवेशियों के लिए सही भोजन अत्यंत जरूरी होता है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए गौवंश को अधिक पानी वाले फल और सब्जियां खिलाई जाती हैं।
यह सब गौवंश के रूटीन चारे के अलावा होता है।
इन गोवंश में भी खासकर छोटे गोवंश में गर्मी की वजह से पानी की कमी ना हो इसलिए हरे चारे के साथ खीरा, तरबूज, ककड़ी जैसे फल खिलाए जाते हैं।