Shri Ram Navami 2024 Moola Nakshatra Samay: बीते मंगलवार 9 अप्रैल से शुरू हुई चैत्र नवरात्रि 2024 की समाप्ति 17 अप्रैल को श्रीरामनवमी (Shri Ram Navami 2024) के साथ हो रही है। इस बार की नवरात्रि और हिन्दु नववर्ष 2024 के विशेष संयोग सभी के लिए अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं।
हिन्दू नववर्ष का राजा मंगल
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार इस बार हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2081 की शुरुआत मंगलवार से हुई है। इस साल राजा मंगल और मंत्री शनि है। मंगल उग्र और शनि हटी होते हैं जो इस बार प्राकृतिक उत्पाद और अग्नि प्रकोप बढ़ा रहे हैं।
घोड़े पर सवार मां दुर्गा
इस साल हिन्दू नववर्ष पर मां दुर्गा (Maa Durga) घोड़े पर सवार होकर आई हैं। अश्व यानी उछलने वाला। जो स्थायी नहीं होता। इसलिए इस बार माना जा रहा है कि जो भी क्रियाकलाप हो रहे हैं वे स्थायी नहीं है।
मंगलवार को मंगल चंडिका का तीसरा नेत्र
मंगलवार 16 अप्रैल को महाअष्टमी है। अग्नि पुराण (Agni Puran) के अनुसार मंगलवार के दिन मां चंडिका (Maa Chandika) का तीसरा नेत्र खुला था। जिसके चलते मंगलवार का दिन बहुत सावधानी बरतने वाला है। इस दिन लोगों को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।
श्रीरामनवमी को इतने बजे तक रहेगा पुष्य नक्षत्र
ज्योतिषाचार्य पंडित शास्त्री के अनुसार 16 अप्रैल को दोपहर 3:05 मिनट से पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) लग जाएगा। जो श्रीरामनवमीं पर 17 अप्रैल को सुबह 7:30 के पहले तक रहेगा। इस दौरान खरीदारी, व्यापार आदि के लिए शुभ मुहूर्त (Vyapar Shubh Muhurat) रहेंगे।
श्रीरामनवमीं पर अश्लेषा मूल इतने बजे से लगेंगे
ज्योतिषाचार्य पंडित शास्त्री के अनुसार 17 अप्रैल को सुबह 7:30 बजे से अश्लेषा नक्षत्र लग जाएगा। अश्लेशा नक्षत्र (Ashlesha Nakshatra) यानी इसे मूल कहा जाता है।
इतने बजे से लगेंगे 27 दिन के मूल
हिन्दू पंचांग और ज्योति में मूल नक्षत्र में जन्म के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। किसी भी तरह के मूल में बच्चे का जन्म होने पर वह बच्चे के साथ-साथ उसके माता-पिता के लिए कष्टकारी माना जाता है। 27 दिन के मूल सबसे लंबे समय के मूल होते हैं।
श्रीरामनवमी पर इतने बजे से पहले है डिलेवरी का शुभ मुहूर्त
यदि आप भी श्रीरामनवमीं पर डिलेवरी कराने की सोच रहे हैं और इसके लिए शुभ मुहूर्त का खोज रहे हैं तो आपको बता दें ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस दिन यानी श्रीरामनवमी पर 17 अप्रैल को सुबह 7:30 के पहले या 16 अप्रैल की रात 12 बजे के बाद डिलेवरी कराई कराई जा सकती है।
श्रीरामनवमीं पर ये संयोग, सूर्य-शुक्र रहेंगे उच्च के
ज्योतिषाचार्य शास्त्री के अनुसार 17 अप्रैल को श्रीरामनवमी पर कुछ खास संयोग भी बनेंगे। इस दिन ग्रहों के देवता सूर्य और दैत्य गुरू शुक्र दोनों की उच्च के रहेंगे। साथ ही इस दिन सुबह साढ़े सात के पहले तक पुष्य नक्षत्र रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त में हुआ था श्रीराम का जन्म
हिन्दू धर्म में वर्णित उल्लेख के अनुसार श्रीरामजी का जन्म अभिजीत मुहूर्त में होगा। इस बार अश्लेषा नक्षत्र पड़ रहा है।
मूल के उपाय
ज्योतिष में मूल में जन्म हो तो माता-पिता को कष्ट होता है। पर इसके उपाय भी बताए गए हैं। जिसके अनुसार किसी योग्य ब्राहृण से मूल का पूजन और मंत्र जाप किया जाता है।
कितने होते हैं नक्षत्र
वैसे तो हिंदू धर्म शास्त्रों में 27 नक्षत्र होते हैं। पर इनमें से कुछ नक्षत्रों में जन्म लेना शुभ माना जाता है। इनमें 6 नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र (Gandmool Nakshatra) कहलाते हैं। इन्हीं में से एक अश्लेषा नक्षत्र के बारे में जन्में बच्चों की खासियत के बारें में हम जानेंगे।
मूल में पैदा हुआ बच्चा हमेशा ही प्रतिकूल प्रभाव लेकर नहीं आता है। बता दें कि, कुल 27 नक्षत्र होते हैं इनमें से 6 नक्षत्र गण्डमूल नक्षत्र होते हैं। इन 6 नक्षत्रों में जन्में बच्चे को मूल (Mool Nakshatra) में जन्मा माना जाता है। ऐसा माना जाता है की मूल नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चों के माता पिता को कष्ट होता है.
नोट: इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य सूचनाओं पर आधारित हैं। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह ले लें। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता।
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