MP News: केंद्रीय कृषि विकास और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार बहुत जल्द डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का गठन करने जा रही है। इससे किसानों से साथ होने वाली हेरफेरी रोकी जा सकेगी। यानी रेवेन्यू अमला किसानों के रिकॉर्ड और फसल नुकसान के सर्वे में हेरफेरी नहीं कर (MP News) सकेगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी बताया
भोपाल के लिंक रोड स्थित निवास पर शुक्रवार को शिवराज सिंह ने मीडिया से चर्चा की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्व का अमला किसान की हर डिटेल का रिकार्ड रखता है। डिजिटलाइजेशन के बाद राजस्व अमला हेरफेर नहीं कर सकेगा। नुकसान हुआ, तो वास्तव में कितना हुआ है, इसका पता चल जाएगा। बोवनी के समय जैसे ही फसल आएगी, वैसे ही फोटो साइट अपलोड कर दिए जाएंगे। इससे हेराफेरी नहीं की जा सकेगी। किसान को उसके नुकसान का सही मुआवजा मिल सकेगा। इसके लिए ड्रोन भी दिए जा रहे हैं। ड्रोन की बैटरी डिस्चार्ज होने की स्थिति को देखते हुए पांच बैटरियां अलग से मुहैया कराई (MP News) जाएंगी।
केंद्र से दो नई योजनाओं को मंजूरी
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने गुरुवार, 3 अक्टूबर को दो नई योजनाओं को मंजूरी दी है। इसी के अंतर्गत डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन का काम भी किया जाएगा। ये दो योजनाएं- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना हैं। दोनों योजनाओं में मिलाकर एक लाख 1321 करोड़ 61 लाख रुपए खर्च (MP News) होंगे।
खाद्य तेलों में बनेंगे आत्मनिर्भर
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज ने कहा कि 2022-23 में देश की कुल खाद्य तेल की आवश्यकता 29.2 मिलियन टन थी, लेकिन हमारे यहां ऑयल सीड से 12.7 बिलियन उत्पादन होता है। बाकी की पूर्ति के लिए विदेशों पर या आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। इसके लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन बनाया गया है। जिससे देश खाद्य तेलों के क्षेत्र में आत्म निर्भर (MP News) बनेगा।
किसानों को बिना कोई शुल्क दिए मिलेगा बीज, ट्रेनिंग भी
शिवराज सिंह ने कहा, वर्तमान में देश में चल रहे ऑयल सीड्स प्लांट्स का उत्पादन काफी कम है। किसानों को देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) बीज बनाएगा। इन बीज को किसानों को बिना कोई शुल्क लिए उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए देशभर में 600 क्लस्टर बनाए जाएंगे।
देशभर के 21 राज्यों के 347 जिलों में जहां भी ऑयल सीड्स का उत्पादन होता है, उन राज्यों को विशेष रूप से क्लस्टर में शामिल किया गया है। किसानों को इन क्लस्टर में फ्री में बीज, ट्रेनिंग, नई टेक्नोलॉजी से कैसे खेती करें, इसकी जानकारी दी जाएगी। ऐसी सुविधाएं इस मिशन(राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन) के तहत दी (MP News) जाएंगी।
हर साल 10 लाख हेक्टेयर में खेती
केंद्रीय मंत्री शिवराज ने कहा, देशभर में हर साल 10 लाख हेक्टेयर एरिया में खेती की जाएगी। उन्नत बीजों की कमी पूरी करने के लिए 65 नए बीज केंद्र बनाए जाएंगे। बीजों को सुरक्षित रखने के लिए 50 बीज भंडारण इकाइयां भी तैयार की जाएंगी।
उन्होंने कहा कि उन राज्यों पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं, जहां सिर्फ एक फसल खरीफ की लेते हैं। इंटरक्रॉपिंग का भी उपयोग किया जाएगा। अलग-अलग फसलों के बीच में ये बीज, फसलें लगाई जा सकती हैं। बीज की पूरी खरीद किसानों से की (MP News) जाएगी।
राज्य अपनी मर्जी से योजना संचालित कर सकेंगे
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा, ध्यान रखा गया है कि राज्य जिस योजना को उपयोगी समझते हैं, वे आवश्यकता के हिसाब से चुन सकते हैं। एक योजना का पैसा दूसरी में खर्च कर सकते हैं। पहले ऐसा नहीं था, लेकिन इस योजना में यह छूट दी गई (MP News) है।
ये भी पढ़ें: Baraiya controversial words: कांग्रेस विधायक बरैया के बड़े बोल, BJP पर लगाए गंभीर आरोप और पुलिस को लेकर दिया ये बयान
कांग्रेस की प्राथमिकता, खेती रही ना किसानी
एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता ना कभी खेती, ना किसानी की रही है। इनकी सरकार में खरीदी नहीं होती थी। इनका काम विरोध करना है, तो राजनीति के लिए विरोध करते रहेंगे। युवाओं को रोजगार पर कहा, बेरोजगारी भत्ता समस्या का समाधान नहीं है। इसलिए जरूरी है कि नौजवानों को पैसे दें, लेकिन ट्रेनिंग दी जाए। उन्होंने कहा, वे इस पर फोकस कर काम करते रहे (MP News) हैं।
ये भी पढ़ें: Bhopal Power Cut: बागमुगलिया क्षेत्र में 7 घंटे रही बिजली गुल, भोपाल के 20 इलाकों में आज भी होगी बिजली कटौती