शिल्पा शेट्टी ने किया पति का बचाव, बोलीं- वो एरॉटिक फिल्में बनाते हैं, जानिए क्या है अश्लील और इस फिल्म में अंतर?

शिल्पा शेट्टी ने किया पति का बचाव, बोलीं- वो एरॉटिक फिल्में बनाते हैं, जानिए क्या है अश्लील और इस फिल्म में अंतर?

Shilpa Shetty

नई दिल्ली। राज कुंद्रा (Raj Kundra Pornography Case) मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में अब उनकी पत्नी और बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्ठी ने अपने पति का बचाव करते हुए कहा कि राज कुंद्रा अश्लील नहीं बल्की एरॉटिक फिल्में बनाते हैं। ऐसे में कई लोगों सोच रहे होंगे कि आखिर ये एरॉटिक फिल्म (Erotic Film) क्या है?

पुलिस ने क्या दावा किया है?

एरॉटिक फिल्म के बारे में जानने से पहले ये जानते हैं कि पुलिस और राज कुंद्रा के वकीलों का इस मामले पर क्या कहना है? पुलिस ने अपनी जांच में दावा किया है कि राज कुंद्रा अश्लील फिल्मों के रैकेट के मास्टरमाइंड हैं। वहीं राज कुंद्रा के वकीलों का कहना है कि जिन फिल्मों को पॉर्न बताकर मुंबई पुलिस कार्रवाई कर रही है, वह असल में एरॉटिक फिल्म है।

क्या होती है एरॉटिक फिल्म

एरॉटिक (Erotic) फिल्म का हिंदी में मतलब है कामोत्तेजक फिल्म। यानी इसमें वैसा कॉन्टेंट होता है जिसे देखकर सेक्सुअल एक्साइटमेंट बढ़ जाए। ऐसी फिल्मों या इस तरह के कॉन्टेंट को एरॉटिका भी कहते हैं। यह कोई पेंटिंग हो सकती है, कोई मूर्ति, कोई फोटोग्राफी, कोई नाटक, कोई फिल्म या फिर कोई संगीत या लिटरेचर हो सकता है। इसे एक आर्ट माना जाता है। इसमें न्यूडिटी शामिल है। लेकिन इसमें सेक्सुअल इंटरकोर्स यानी संभोग या सेक्स नहीं होता है। इसे समझने के लिए फिल्मों में बोल्ड सीन को उदाहरण के तौर पर ले सकते हैं। हॉलिवुड या वेब सीरीज में ऐसे सीन दिखाए जाते हैं।

पोर्नोग्राफी क्या है?

पोर्नोग्राफी, एरॉटिका से ठीक उलट है। यह कोई कला नहीं है। इसका सीधा मकसद सेक्स के लिए एक्साइटमेंट बढ़ाना होता है। पोर्नोग्राफी में न्यूडिटी के साथ इंटरकोर्स भी दिखाया जाता है। ताकि इसे बनाने वाला पैसा कमा सके। इसमें औरत और मर्द को एक वस्तु की तरह दिखाया जाता है।

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