Shiksha Mahakumbh: देश के 10वें प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के 100वें जन्मदिन के अवसर पर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के बरेली स्थित शिवा गार्डन में शिक्षा महाकुंभ (Shiksha Mahakumbh) और ‘राष्ट्रीय अटल शिक्षा रत्न सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने की।
ग्रामीण शिक्षकों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान का आश्वासन
मंत्री उदय प्रताप सिंह ने प्रदेश भर से आए शिक्षकों से संवाद करते हुए घोषणा की कि अब ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों को भी राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों के लिए चयनित किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिए मौजूदा पोर्टल को सीएम हेल्पलाइन की तरह मॉनिटरिंग करने की बात भी कही।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों की भूमिका की सराहना करते हुए कहा, ‘शिक्षा क्षेत्र में बेहतर योगदान देने वाले शिक्षकों को सम्मानित कर उनकी प्रेरणा को आगे बढ़ाना हमारी प्राथमिकता है।’
उन्होंने कार्यक्रम (Shiksha Mahakumbh) में अगले वर्ष के लिए उपस्थित शिक्षकों की संख्या को 1000 से बढ़ाकर 100,000 करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि शिक्षकों के योगदान को बढ़ावा देने के लिए ऐसे आयोजनों की आवश्यकता है।
शिक्षकों के कारण भी कई चुनौतियां
स्कूल शिक्षा मंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि मैंने विभाग में आने के बाद पता किया कि शिक्षकों के लिए कौन-सी चुनौतियां हैं? लेकिन, बड़ी बात यह है कि इस दौरान शिक्षकों के कारण भी कई चुनौतियों के बारे में पता चला, जो चिंता का विषय है। इसका निवारण बहुत जरुरी है।
उन्होंने इस दौरान यह भी जिक्र किया कि जब वह अखबारों में देखते हैं कि शिक्षकों की लापरवाही सामने आ रही है तो बड़ा दु:ख होता है।
कार्यक्रम की मुख्य बातें
मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तव और महामंत्री जितेंद्र सिंह ने शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं को स्कूल शिक्षा मंत्री के सामने रखा। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान प्रदेशभर से आए 1000 शिक्षकों को ‘राष्ट्रीय अटल शिक्षा रत्न’ से सम्मानित किया गया।
इस पर मंत्री उदय प्रताप सिंह ने संघ द्वारा प्रस्तुत समस्याओं का समाधान शीघ्र करने और 10 दिनों के भीतर संघ के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने का आश्वासन दिया। इनमें शिक्षकों के ट्रांसफर, वेतन विसंगतियां और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी जैसे मुद्दे शामिल थे।
शिक्षकों ने लिया संकल्प
शिक्षा जगत को मजबूत करने वाले इस कार्यक्रम में शिक्षक सन्दर्भ समूह के संस्थापक समन्वयक डॉ दामोदर जैन ने कहा कि शिक्षकों को हर बच्चे को अपना समझना चाहिए। इससे बच्चों को सीखने में मदद मिलती है और शिक्षक को सीखाने मेंं। उन्होंने इस दौरान पूर्व में लाई गई भारतीय शिक्षा नीतियों का भी उल्लेख किया।
कार्यक्रम के दौरान गुजरात के प्रसिद्ध शिक्षाविद् Gijubhai के ‘बाल देवो भव’ सिद्धांत को आत्मनिर्भर शिक्षा का मार्गदर्शक बताया गया। शिक्षकों ने उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।
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संघ और मंत्री की सामूहिक पहल
अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम (Shiksha Mahakumbh)ने न केवल शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं पर चर्चा का मंच प्रदान किया बल्कि शिक्षकों को प्रेरित और सम्मानित भी किया। यह आयोजन शिक्षकों की प्रतिबद्धता और उनके समर्पण को बढ़ावा देने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।