Indore Ghazwa E Hind Poster: इंदौर के कागदीपुरा की शिया मस्जिद पर लगे पोस्टर के मामले में शिया समाज ने पहली बार खुलकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। समाज के सदस्यों ने आरोपियों से यह सवाल किया है कि “पोस्टर पर गजवा-ए-हिंद लिखा है, यह साबित करें।
इसे गजवा-ए-हिंद से कैसे जोड़ा गया और किसने इसे ऐसा पढ़ा?” शिया समाज का कहना है कि यह पोस्टर चार महीने (Indore Ghazwa E Hind Poster) से मस्जिद पर लगा था और उसमें कर्बला का दृश्य दिखाया गया था, जिसमें हजरत इमाम हुसैन की शहादत को दर्शाया गया है।
समाज ने यह भी कहा कि अगर किसी ने अपनी राजनीति के लिए इस पोस्टर की गलत व्याख्या की है, तो इसमें उनका क्या दोष है।
जानें पूरा मामला
4 नवंबर को इंदौर-4 विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के बेटे और भाजपा नगर उपाध्यक्ष एकलव्य गौड़ ने सोशल मीडिया पर एक फोटो पोस्ट किया था, जिसमें इंदौर के कागदीपुरा की शिया मस्जिद पर लगे पोस्टर को विवादित बताया गया था।
एकलव्य गौड़ ने इस पोस्टर पर कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। विवाद के तुरंत बाद शिया समाज ने मस्जिद से पोस्टर (BJP MLA SON POSTER SHARED) हटा लिया था।
अब ऑल इंडिया शिया समाज के प्रदेश प्रवक्ता सैयद दिलशाद अली नकवी ने इस पोस्टर की व्याख्या करते हुए कहा कि इसमें कर्बला का दृश्य दिखाया गया था, जो हजरत इमाम हुसैन की शहादत को दर्शाता है और इसे किसी भी रूप में विवादित या गजवा-ए-हिंद से जोड़ा नहीं जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें- मध्य प्रदेश में पैर पसार रही सर्दी: पचमढ़ी में जलने लगे अलाव, रातों के साथ दिन भी हुए ठंडे, जानें आज के मौसम का हाल
एकलव्य गौड़ ने किया था सोशल मीडिया पोस्ट
भाजपा विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने मस्जिद पर लगे पोस्टर को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका कहना था कि पोस्टर में एक युद्ध का दृश्य दिखाया गया है, जिसमें सामने की ओर भगवा झंडे लिए हुए एक सेना को दर्शाया गया है।
उन्होंने इसे सनातन धर्म के लिए चेतावनी बताते हुए कहा कि यह (BJP MLA SON POSTER SHARED) एक अभियान है और इसे छोटी हरकत नहीं मानना चाहिए। एकलव्य गौड़ ने पोस्ट में लिखा कि “गजवा-ए-हिंद” का मतलब इस्लाम फैलाने के लिए जंग है, जिसमें शामिल लड़ाकों को गाजी कहा जाता है।
उनका आरोप था कि इसका मकसद भारत को जीतकर उसका इस्लामीकरण करना है। उन्होंने इस प्रकार की हरकत को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की बात कही और पहले भी थाने में इसकी शिकायत करने की बात कही थी।
AISS के प्रदेश प्रवक्ता ने दी जानकारी
ऑल इंडिया शिया समाज के प्रदेश प्रवक्ता सैयद दिलशाद अली नकवी ने मीडिया को बताया है कि मस्जिद पर लगा पोस्टर चार महीने से था और यह हर साल मुहर्रम के दौरान लगाया जाता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पोस्टर में कर्बला का दृश्य दिखाया गया है, जहां हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी। इसमें यजीद की सेना को सामने दिखाया गया है, जबकि पोस्टर में दिखाई जा रही महिला हजरत बीबी जैनब हैं और छोटी बच्ची उनकी सबसे छोटी बेटी सकीना हैं, जो हरे रंग का झंडा ले कर खड़ी हैं।
सैयद दिलशाद अली नकवी ने यह भी बताया कि पोस्टर में कोई भ्रामक संदेश नहीं था, क्योंकि इसमें लाल रंग के झंडे ही दिखाए गए हैं और कोई अन्य रंग या विवादास्पद लिखाई नहीं थी। उन्होंने कहा कि इस मामले का भ्रामक प्रचार किया गया, जो शहर के हित में नहीं है।
सैयद दिलशाद अली नकवी ने कहा कि इस फोटो को देखकर हमारे यहां हर साल मुहर्रम के दौरान मजलिस होती है और मातम मनाया जाता है। उन्होंने बताया (BJP MLA SON POSTER SHARED) कि मुहर्रम के दौरान पुलिस और प्रशासन की व्यवस्था रहती है और इस पोस्टर को लेकर किसी ने कोई आपत्ति नहीं उठाई।
नकवी ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि पोस्टर मस्जिद के ऊपर लगा था, इसलिए इसे लगाने के लिए किसी अनुमति की जरूरत नहीं थी। हालांकि, समाज ने स्वेच्छा से इसे हटा दिया और कहा कि इस निर्णय में पुलिस-प्रशासन का कोई दबाव नहीं था।