Shardiya Navratri Day 9 2021 : आज है महानवमीं व्रत, पूरन पूरी के भोग से मां सिद्धिदात्री को करें प्रसन्न

नई दिल्ली। पिछले 7 अक्टूबर से Shardiya Navratri Day 9 2021 शुरू हुए शारदीय नवरात्रि की नवमीं तिथि पर आज यानि 14 अक्टूबर को मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जा रहा है। मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी प्रकार के भय, रोग और शोक समाप्त हो जाते हैं।
अगर आप भी सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं तो मां सिद्धिदात्री का पूजन जरूर करें। इनके पूजन से अनहोनी से भी रक्षा होती है।इतना ही नहीं मृत्यु पश्चात मोक्ष भी मिलता है। इस दिन कन्या पूजन और नवरात्रि हवन का भी काफी महत्व है।
आइए हम आपको बताते हैं मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, मुहूर्त, मंत्र, भोग एवं महत्व क्या है।
महानवमीं पूजन मुहूर्त
नवमी तिथि की शुरुआत कल बुधवार की रात यानी 13 अक्टूबर की रात 08:07 बजे से हो चुकी है। जो 14 अक्टूबर गुरुवार को शाम 06:52 बजे तक रहेगी। अत: महानवमी का व्रत 14 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।
महानवमी पर बनने वाला रवि योग सुबह 9:36 बजे से प्रारंभ हुआ है। जो 15 अक्टूबर यानी शुक्रवार को सुबह 06:22 बजे तक रहेगा। अत: इस बार महानवमी रवि योग में मन रही हैं। आज पूजन में राहु काल का भी ध्यान रखना होगा। राहुकाल दोपहर 01:33 बजे से दोपहर 03:00 बजे तक रहेगा। महानवमी पूजन में राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
मां सिद्धिदात्री पूजा विधि
आज प्रात: स्नान आदि से निवृत्त होकर महानवमी व्रत और मां सिद्धिदात्री की पूजा का संकल्प लें। फिर मातारानी को अक्षत्, पुष्प, धूप, सिंदूर, गंध, फल आदि समर्पित करें। उनको विशेषकर तिल का भोग लगाएं। नीचे दिए गए मंत्रों से उनकी पूजा करें। अंत में मां सिद्धिदात्री की आरती करें। मां दुर्गा को खीर, मालपुआ, मीठा हलुआ, पूरणपोठी, केला, नारियल और मिष्ठाई बहुत पसंद है। मातारानी को प्रसन्न करने के लिए आप इनका भोग लगा सकते हैं।
मां सिद्धिदात्री बीज मंत्र
ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
मां सिद्धिदात्री स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
मां सिद्धिदात्री प्रार्थना मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी