भोपाल। Shardiya Navratri 2023: इस साल 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि पर्व शुरू हो रहा हैं। इस दौरान नौ दिनों तक दुर्गा माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में चर्चा करें, जहां नवरात्रि के दौरान हजारों भक्त पहनी मन्नतें लेकर जाते हैं।
भारत में कई रहस्यमयी मंदिर हैं, इन मंदिरों की अपनी एक कहानी भी है। इन्हीं मंदिरों में एक राजधानी भोपाल के छोटे तालाब के पास स्थित काली माता मंदिर है, जो वषों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है।
कहा जाता है यहां पहले माता मंदिर की एक छोटी सी मढ़िया हुआ करती थी। लेकिन अब विशालकाय भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है।
बता दें कि शारदीय नवरात्र के नौ दिनों के दौरान यहां सुबह से लेकर देर रात तक भक्तों की लाइन लगी रहती है। जहां भोपाल समेत आसपास के लोग दर्शन करने के लिए आते हैं।
ऐसी मान्यता है कि यहां जो भक्त मां काली से मन्नत मांगने आता है, वह कभी खाली हाथ वापस नहीं लौटता है।
यह है मंदिर का इतिहास
बताया जाता है कि आज से बरीब 51 साल पहले स्वर्गीय शिवनारायण सिंह बगवार ने इस मांदिर की स्थापना करवाई थी।
पहले यहां एक छोटी सी मढ़िया हुआ करती थी, लेकिन भक्तों की श्रद्धा के बाद इस मंदिर का विस्तार होता चला गया और आज विशालकाय भव्य रूप ले चुका है। साथ ही 108 फीट ऊंचा शिखर मंदिर में स्थापित किया गया।
मन्नत के लिए बांधा जाता है धागा
बता दें कि यहां गर्भगृह के पीछे भक्त मनोकामना मांगने के लिए धागा बांधते है। वहीं जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है, तो वह इस धागे को खोलने आते हैं।
शारदीय नवरात्र के दौरान भक्त यहां विभिन्न अनुष्ठानों का आयोजन कराने के लिए आते हैं। जिसके चलते यहां हजारों भक्तों की भीड़ रहती है।
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