नई दिल्ली। Shani Vakri 2023: अभी तक सीधी चाल चल रहे शनि दो दिन बाद वक्री होने जा रहे हैं। 19 जून से शनि की वक्री यानि उल्टी चाल शुरू हो रही है। 30 वर्ष बाद ये मौका आ रहा है जब शनि कुंभ में वक्री होकर उल्टी चाल चलने वाले हैं।
Shani ke Upay: शनि होने वाले हैं वक्री, जरूर करें शनिवार को ये उपाय
एक राशि में ढाई का साल समय – Shani Vakri 2023
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी नवग्रहों में शनि एक ऐसा ग्रह है, जो सबसे धीमी गति से चलते हैं। ऐसा माना जाता है कि शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में ढाई साल का समय लेते हैं। अभी शनि कुंभ राशि में ही उल्टी चाल चलकर वक्री हो रहे हैं। इसके बाद वे 24 अक्टूबर को कुंभ राशि में ही मार्गी होकर सीधी चाल चलने लगेंगे।
शनि वक्री होने से क्या होता है? – Shani Vakri 2023 Effect
शनि के गोचर काल के दौरान राजनीति के क्षेत्र में उत्पाद मचेगा। आपको बता दें इस दौरान चुनावी सरगर्मी तेज हो जाएगी। इसलिए विधानसभा चुनाव के लिए जिन उम्मीद्वारों की कुंडली में शनि स्वराशि में या उच्च के होंगे। उन्हें लाभ के योग बनेंगे। तो वहीं जिन्हें शनि की साढ़ेसाती और अढैया चल रही है वे खास उपाय कर सकते हैं।
इन्हें चल रही साढ़े साती – shani sade sati
मकर, कुंभ और मीन
इन पर चल रही अढ़ैया – shani adaiya
कर्क और तुला
वक्री शनि से किसे रहना होगा सावधान –
ज्योतिषाचार्य के अनुसार पर शनि की अढ़ैया और साढ़ेसाती चल रही है। उन्हें इस दौरान यानि शनि वक्री होने के दौरान थोड़ा सावधान रहने की आवश्यका है। तो वहीं शेष राशियों को इसका सामान्य फल मिलेगा।
इतनी होती है शनि की चाल shani ki chaal
शनि जयंती (shani jayanti 2023) पर आपको बता दें शनि की साढ़े साती, शनि की ढ़ैय्या आदि शनि दोष से पीड़ित जातकों के लिये ये दिन महत्व का है। शनि राशि चक्र की दसवीं व ग्यारहवी राशि मकर और कुंभ के अधिपति हैं। पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार एक राशि पर शनि की साढ़े साती 30 महीने की और एक राशि पर अढ़ैया नौ महीने की होती है। शनि न्याय के देवता हैं। जो लोगों को उनके कर्म के अनुसार फल देते है। मान्यता अनुसार सूर्य पुत्र शनिदेव का ज्येष्ठ माह की अमावस्या को सूर्यदेव एवं छाया (सवर्णा) की संतान के रूप में शनि का जन्म हुआ।
शनि को शुभ बनाने के उपाय
शनि (Shani) मंदिर में सरसों के तेल का दिया जलाएं।
ओम शम शनैश्चराय नमः का सामर्थ्यानुसार एक माला, तीन माला, पांच माला जाप करें।
गरीबों को साबुत उड़द का दान करें।
अपने पितरों के निमित्त दूध और सफ़ेद मिठाई मंदिर में ब्राहृमण को दें।
जरूरतमंद और बुजुर्गों को भोजन सामग्री, वस्त्र आदि दान करें।
श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनि की शांति के लिए रत्न धारण करें।
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