नई दिल्ली। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या वालों के लिए Shani Jayanti 30 मई का दिन बेहद खास रहने वाला है। दरअसल इस दिन शनि जयंती है। हिंदू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को भगवान शनि देव का जन्म हुआ था। ऐसा माना जाता है कि इस पावन दिन शनि देव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि शनि देव लोगों को उनके कर्म के अनुसार फल हैं। तो आप भी नोट कर लें शनि देव की पूजा का मुहूर्त क्या है।
इतनी होती है शनि की चाल —
आपको बता दें शनि की साढ़े साती, शनि की ढ़ैय्या आदि शनि दोष से पीड़ित जातकों के लिये ये दिन महत्व का है। शनि राशिचक्र की दसवीं व ग्यारहवी राशि मकर और कुंभ के अधिपति हैं। आपको बता दें पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार एक राशि में शनि लगभग 18 महीने रहते हैं। शनि की महादशा का काल 19 साल होता है। शनि न्याय के देवता हैं। जो लोगों को उनके कर्म के अनुसार फल देते है। मान्यता अनुसार सूर्य पुत्र शनिदेव का ज्येष्ठ माह की अमावस्या को सूर्यदेव एवं छाया (सवर्णा) की संतान के रूप में शनि का जन्म हुआ।
शुभ मुहूर्त-
अमावस्या तिथि आरंभ – 29 मई- 02:54 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – 30 मई-04:59 बजे
तीन त्योहारों का संगम
30 मई यानि सोमवार Shani Jayanti Date 2022 को वट सावित्री वत्र vat savitri 2022 , शनि जयंती shani jayanti और सोमवती अमावस्या somvati amavasya का दुर्लभ संयोग बन रहा है। आपको बता दें इस दिन सुहागनें अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखेंगी तो दूसरी ओर भक्तों द्वारा शनि की साढ़ेसाती और अढ़ैया से मुक्ति के लिए शनि देव को प्रसन्न करने का मौका मिलेगा। आइए जानते हैं इस दिन भगवान शनि के लिए क्या विशेष उपाय करना चाहिए।
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विशेष उपाय –
शनि मंदिर में सरसों के तेल का दिया जलाएं।
ओम शम शनैश्चराय नमः का सामर्थ्यानुसार एक माला, तीन माला, पांच माला जाप करें।
गरीबों को साबुत उड़द का दान करें।
अपने पितरों के निमित्त दूध और सफ़ेद मिठाई मंदिर में ब्राहृमण को दें।
जरूरतमंद और बुजुर्गों को भोजन सामग्री, वस्त्र आदि दान करें।
श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करें।