शाजापुर/आदित्य शर्मा : शाजापुर में छात्रों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए विद्यालयों में नए पुस्तकालय और वाचनालय खोले जाने हैं। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बच्चों में विभिन्न बुनियादी कौशल के विकास के लिए पुस्तकों को पढ़ने की रुचि विकसित करना एक अभिन्न कदम माना जा रहा है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पठन गतिविधियों व क्रियाशिल पुस्तकालय कार्नर विकसित करने तथा जिले में निपुण भारत मिशन के बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान के लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से शालाओ में पुस्तकालय / रिडिंग कार्नर विकसित किया जाना है। इसके तहत जिले के शाजापुर एवं मो. बडोदिया के समस्त प्राथमिक विद्यालयो में सक्रिय पुस्तकालय संचालन व प्रबंधन के लिए डी.आर.जी तथा मिशन अंकुर की टीम के द्वारा प्रधान पाठको / प्रा. वि. प्रभारी का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित प्रशिक्षण शिविर मे शा.उ.मा.वि सुदरसी, शाजापुर के क्रं.2, पनवाडी. रथभवर, शादीपुरा, मो.बडोदाया,पोलायकला,मंगलाज, मकोडी,मक्सी, शा.उ.मा.म.ल.क, भरड, चोमा, बेरछा, दुपाडा, साजोद, गुलाना, लाहोरी, मदाना, टुकराना, दुधाना केन्द्र अंतर्गत आने वाले शिक्षक व शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण दिया गया।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षण प्रभारी बालेन्दु श्रीवास्तव ने बताया कि विद्यालयों में ऐसे बाल साहित्य संग्रह/पुस्तकालय की स्थापना की जायेगी जिसमें अलग-अलग आयु वर्ग, पठन स्तर, विविध रुचियों एवं शैलियों की पुस्तकें हों तथा उसे नियमित व क्रियाशील बनाया जायेगा। उन्हौने बताया कि जिन विद्यालयों में पुस्तकालय के लिए अलग से कक्ष उपलब्ध नहीं है, वहां प्रत्येक कक्षा में रीडिंग कार्नर बनाए जायेगे। पुस्तकालय का उपयोग बच्चों की पठन क्षमता के विकास के साथ-साथ शैक्षिक कौशल, स्वतंत्र चिंतन, सामाजिक-सांस्कृतिक जानकारी में अभिवृद्धि तथा अन्य विषयों व अभिरुचियों के विकास में भी सहायक सिद्ध होगा।
उन्हाैने बताया कि प्रत्येक कक्षा में बच्चों की समिति बनाई जाएगी, जो पुस्तकालय प्रबंधन व इसके उपयोग में शिक्षकों की मदद करेंगे।समिति को बुक क्लब नाम दिया जाएगा। इसमें कक्षा चार बच्चे जिनमें दो बालक एवं दो बालिकाएं शामिल होंगी। इनका चयन कक्षा शिक्षक द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक तीन माह में बुक क्लब में नए सदस्यों का चयन किया जाएगा, ताकि सभी बच्चों को इस प्रकार के कार्य का अनुभव प्राप्त हो सके और उनमें नेतृत्व कौशल का विकास हो सके।