Success Story: फोन चलाना नहीं आता, लेकिन दूसरे ही अटेम्प्ट में ADPO बन गईं छिंदवाड़ा की शाहजहां अंसारी। 44 साल की शाहजहां की सफलता की कहानी बड़ी संघर्ष भरी है। उन्होंने सिलाई करके कोचिंग की फीस भरी और आखिरकार सफलता पाई। शाहजहां फोन चलाना नहीं जानतीं, इसलिए अपना रिजल्ट खुद नहीं देख पाईं। उनकी बेटी ने उन्हें बताया कि वे ADPO बन गई हैं। उन्हें 500 में से 320 नंबर मिले, मध्यप्रदेश में उन्होंने 154वीं रैंक हासिल की है।
शाहजहां बोलीं- लक्ष्य पूरा हुआ
शाहजहां अंसारी के पिता टेलर हैं और पति मैकेनिक हैं। शाहजहां बताती हैं कि उनका एकमात्र लक्ष्य विधि क्षेत्र में नौकरी करने का था, जो अब पूरा हो रहा है। परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हों लेकिन कड़ी मेहनत, बुलंद हौसले, समर्पण और संघर्ष के बलबूते पर मंजिल को पाया जा सकता है।
शाहजहां ने सिलाई करके फीस भरी
2004 में LLB करने के 2 साल बाद शाहजहां की शादी हो गई थी। परिवार के आर्थिक हालात अच्छे नहीं थे, इसलिए घर चलाने के लिए उन्होंने सिलाई सेंटर खोला। बुटिक भी चलाया। इस दौरान उन्होंने परासिया कोर्ट में प्रैक्टिस जारी रखी और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी की। अपने लक्ष्य को पाने के लिए उन्होंने कई परेशानियों के बाद भी पढ़ाई पर फोकस रखा।
महिला बाल विकास विभाग की परीक्षा में 1 नंबर से चूकीं
शाहजहां अंसारी पिछले 20 साल से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं। वे व्यापम की महिला बाल विकास विभाग की परीक्षा में क्वालीफाई होने से सिर्फ 1 नंबर से चूक गई थीं। शाहजहां अंसारी के लिए ये आखिरी मौका था, क्योंकि 45 साल से ज्यादा के कैंडिडेट्स परीक्षा नहीं दे सकते।
घरवालों ने किया सपोर्ट
ADPO करने के लिए शाहजहां अंसारी को उनके पति, देवर और सास ने सपोर्ट किया। उनके पिता ने भी हमेशा उन्हें पढ़ाई के लिए मोटिवेट किया।
काम के साथ-साथ की पढ़ाई
शाहजहां अंसारी सुबह जल्दी उठकर घर का काम करती थीं, इसके बाद 8 बजे कोचिंग चली जाती थीं। दिन में जब भी वक्त मिलता था वे स्टडी करती थीं। सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक पिता की टेलरिंग की दुकान में काम करती थीं। इससे कोचिंग की फीस के लिए पैसा कमाती थीं। रात में 1 बजे तक पढ़ाई करती थीं। शाहजहां 3-4 घंटे सोने के बाद सुबह जल्दी उठ जाती थीं। उन्होंने रोज करीब 8 से 10 घंटे पढ़ाई की। एग्जाम पास आए तो रोटी बनाते-बनाते भी पढ़ती थीं।
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फोन चलाना नहीं आता, सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं
शाहजहां अंसारी को फोन चलाना नहीं आता। वे सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं हैं। जब रिजल्ट आया तो वे एक शादी समारोह में थीं। उनकी दोस्त ने फोन करके उन्हें बताया कि उनका सिलेक्शन हो गया है।