Shahdol Regional Industry Conclave: शहडोल में 16 जनवरी, गुरुवार को आयोजित होने वाली प्रदेश की सातवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिए अब तक सरकार को 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। समिट की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने आने वाले निवेशकों को किसी भी प्रकार की कठिनाई नहीं होने दी जाएगी।
शहडोल संभाग के तीनों कलेक्टरों को सीएम ने दिए निर्देश
प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाई गई हैं, जिससे मध्यप्रदेश देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि शहडोल संभाग के तीनों जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्टार्ट-अप के लिए युवा उद्यमियों को तैयार करें। राज्य सरकार उन्हें स्व-रोजगार के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
साल 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा
प्रगति का नव उद्घोष,
अब तैयार है हमारा शहडोल!शहडोल में 16 जनवरी, 2025 को होने वाले 7वें रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव से प्रदेश की प्रगति को मिलेगी नई उड़ान।#RICShahdol #InvestMP #InvestInMP #GIS2025 pic.twitter.com/r2feET7FWG
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 15, 2025
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि 2025 को प्रदेश में उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसी साल फरवरी में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन होगा, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इसे मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय बताया गया है।
तीनों जिलों के बिजनेसमैन के साथ सीएम ने की बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहडोल में होने वाली 7वीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के तहत शहडोल, उमरिया और अनूपपुर के उद्योगपतियों से वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने बताया कि अब तक इस कॉन्क्लेव के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने स्थानीय उद्योगपतियों को प्रदेश की औद्योगिक नीति, प्रावधानों और निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी।
क्षेत्र में खनिज पर्यटन एनर्जी पर जोर
खनिज, पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश पर जोर दिया गया है। शहडोल जिला खनिज संपदा से समृद्ध है और देश के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्रों में से एक है। यहां की भूमि में फायर क्ले, मीथेन गैस और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों का भंडार है।
सोहागपुर कोलफील्ड, जो एशिया के सबसे बड़े कोयला भंडारों में से एक है, शहडोल को ऊर्जा उत्पादन और खनन उद्योग के लिए महत्वपूर्ण बनाता है। जिले की वन संपदा, जैव विविधता और जैविक उत्पाद इसे वन आधारित उद्योग और औषधीय उत्पादों के लिए खास बनाते हैं।
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शहडोल की भौगोलिक स्थिति इसे औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स केंद्र के रूप में उभरने में सहायक है। यह जिला मध्यप्रदेश को छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और बिहार से जोड़ता है। बेहतर सड़क और रेलवे नेटवर्क के कारण यह व्यापार और माल परिवहन के लिए आदर्श स्थान है। इसके साथ ही, यह क्षेत्र औद्योगिक क्लस्टर के रूप में विकसित होने की भरपूर क्षमता रखता है।
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