नई दिल्ली। बारिश शुरू हो चुकी है। Vivah Muhurat 2022 शादियों का सीजन चल रहा है। ऐसे में shadi muhurt 2022 अगर आप भी इस astrology news साल शादी के बंधन में बंधना चाहते हैं तो dev shayan ekadashi आपको बता दें इस साल बचे 6 महीनों में केवल 12 विवाह मुहूर्त dev uthni ekashadi ही बचे हैं। ऐसे में यदि आप भी विवाह बंधन में बंधने जा रहे हैं और मुहूर्त को लेकर चिंतित हैं तो पंडित अनिल पांडे के अनुसार हम आपको बताने जा रहे हैं इस साल के बचे विवाह मुहूर्त। साथ ही आपको बताएंगे कि किन स्थितियों में शादियां नहीं की जानी चाहिए।
किसे कहते हैं मुर्हूत —
सनातन धर्म में ज्योतिष विद्या का बहुत महत्व है। हम हर शुभ कार्य को एक विशेष समय पर करते हैं। वह विशेष समय हमारे ऋषि मुनियों द्वारा शोधित समय काल होता है, जिसे हम मुहूर्त कहते हैं। इसी तहर विवाह के लिए भी हमारे ऋषियों ने समय की गणना की है। मुहूर्त के बारे में मुहूर्त चिंतामणि, मुहूर्त गणपति ,मुहूर्त सागर, मानसागरी आदि ग्रंथों में बताया गया है।
विवाह के लिए इस तरह होनी चाहिए ग्रहों की चाल —
विवाह के समय की बात करें तो सूर्य देव मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक, मकर एवं कुंभ राशि में होना चाहिए। परंतु इस समय काल में भी शुक्र और गुरु अस्त नहीं होने चाहिए।
इस दौरान विवाह होते हैं वर्जित —
विवाह के न होने वाले समय की बात करें तो कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से शुक्ल पक्ष की परिवा तक इन 5 दिनों में विवाह नहीं किया जाता है।
कौन से नक्षत्र होते हैं शुभ —
अगर हम नक्षत्र पर ध्यान दें तो रोहिणी, मृगशिरा, मघा, उत्तराफाल्गुनी, स्वाति, अनुराधा, मूल, उत्तर, भाद्रपद एवं रेवती तथा कात्यायन पद्धति के अनुसार अश्वनी, हस्त, चित्रा, श्रवण एवं धनिष्ठा नक्षत्र में विवाह किया जा सकता है। इस प्रकार देवशयन की समयावधि में गुरु या शुक्र के अस्त होने पर कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी से शुक्ल पक्ष की परिवा तक विवाह संबंध नहीं किए जाते हैं।
क्या होता है देव शयन —
देव शयन का अर्थ है भगवान विष्णु के सोने का समय। इस समय को चौमासा भी कहते हैं। कहा जाता है कि भगवान इन 4 महीनों में पाताल लोक में बलि के द्वार पर विश्राम करते हैं। यह समय अषाढ शुक्ल पक्ष की एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तक का है। भगवान विष्णु कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को क्षीरसागर लौटते हैं। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी और कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठनी एकादशी भी कहते हैं। इस समय के अंतराल में विवाह आदि शुभ कार्यों के मुहूर्त पूरी तरह से बंद रहते हैं।
इस दिन से बंद हो जाएंगे विवाह —
इस साल यानि वर्ष 2022 में 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी आ रही है। 9 जुलाई के उपरांत विवाह नहीं हो पाएंगे।
जुलाई के विवाह मुहूर्त — 4, 8, 9
देव शयन करने से चार महीने विवाह नहीं होंगे।
नवंबर — 4 तुलसी विवाह
दिसंबर — 8, 9, 14
कात्यायन पद्धति से 4 दिसंबर को भी विवाह मुहूर्त है।
पुष्पांजलि पंचांग के अनुसार विवाह मुहूर्त —
जून — 22, 23, 24
जुलाई — 3, 6, 7
नवंबर — 25, 26, 27, 28
दिसंबर — 2, 3, 7, 14 और 16 दिसंबर
जनवरी — सूर्य के धनु राशि में जाने के कारण 14 जनवरी तक विवाह मुहूर्त नहीं रहेंगे।
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नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।