Senior Citizen Railway Concession: केंद्र सरकार ने रेलवे में सीनियर सिटीजन्स को मिलने वाली छूट तो खत्म कर दी, लेकिन हवाई यात्रियों के लिए दिल खोलकर सब्सिडी दे दी है। पांच साल पहले रेल टिकट पर बुजुर्गों को मिलने वाली 40-50% की छूट बंद कर दी गई थी, जिससे सरकार ने करीब 8,913 करोड़ रुपए बचा लिए।
वहीं दूसरी तरफ ‘उड़े देश का आम नागरिक’ यानी उड़ान योजना के जरिए हवाई सफर सस्ता करने के लिए सरकार ने विमान कंपनियों को 3,933 करोड़ रुपए की सब्सिडी दे डाली।
हर बुजुर्ग यात्री से छीने 285 रुपए
मार्च 2020 से फरवरी 2025 के बीच 31 करोड़ 35 लाख बुजुर्गों ने रेल से यात्रा की। अगर हिसाब लगाएं, तो सरकार ने हर सीनियर सिटिजन यात्री से औसतन 285 रुपए की बचत की है। यानी बड़ी संख्या में बुजुर्ग यात्रियों को मिलने वाला सीधा फायदा खत्म कर दिया गया।
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हर हवाई यात्री को दी 2,657 रुपए की राहत
उधर, उड़ान स्कीम के तहत बीते 7 सालों में 1 करोड़ 48 लाख यात्रियों को फायदा मिला है। यानी हर यात्री पर सरकार ने औसतन 2,657 रुपए खर्च किए। इस योजना के तहत सरकार ने कुल 2.74 लाख उड़ानों के लिए विमान कंपनियों को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) के नाम पर करोड़ों रुपए दिए।
सरकार का फोकस किस पर?
जहां रेलवे में लाखों सीनियर सिटीजन्स के लिए छूट वापस ली गई, वहीं कम पैसों में हवाई यात्रा को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों की सब्सिडी दी गई। इससे साफ दिखता है कि सरकार ने अपने बजट का बड़ा हिस्सा आम ट्रेन यात्रियों से बचाकर हवाई यात्रियों पर खर्च किया है।
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