हाइलाइट्स
- वरिष्ठ कानूनविद आनंद मोहन का निधन।
- रविवार को रामबाग मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार होगा।
- लंबी बीमारी के बाद 97 साल की उम्र में ली अंतिम सांस।
Anand Mohan Mathur Passed Away: वरिष्ठ कानूनविद, समाजसेवी और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आनंद मोहन माथुर का शनिवार सुबह लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 97 वर्ष के थे। उनकी अंतिम यात्रा 23 मार्च को सुबह 11 बजे इंदौर में उनके निवास रतलाम कोठी से निकलेगी। अंतिम संस्कार रामबाग मुक्तिधाम पर किया जाएगा।
सीएम मोहन यादव ने जताया शोक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्व एडवोकेट जनरल आनंद मोहन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा कि समाजसेवी माथुर जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ। बाबा महाकाल से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में विश्रांति दें। शोकाकुल परिजनों को इस कठिन घड़ी में संबल प्रदान करें।
आनंद मोहन माथुर का जीवन परिचय
आनंद मोहन माथुर का जन्म 23 जुलाई 1926 को धार में हुआ था। उनका परिवार आर्थिक रूप से संघर्षशील था। स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा लेने के कारण उनके पिता की नौकरी चली गई, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति और कमजोर हो गई। आनंद मोहन माथुर शुरू में मेडिकल की पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनका यह सपना अधूरा रह गया।
संघर्ष और सफलता की कहानी
अपने शुरुआती दिनों में उन्होंने इंदौर की मालवा मिल में बदली मजदूर के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने मेहनत कर कानून की पढ़ाई पूरी की और शिक्षक के रूप में भी सेवाएं दीं। उन्होंने अपने 70 से अधिक वर्षों के करियर में कानूनी क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
कानूनी करियर और सामाजिक योगदान
आनंद मोहन माथुर मध्य प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता रहे। वे न केवल एक कुशल वकील थे, बल्कि सामाजिक न्याय और जनहित के मुद्दों पर भी सक्रिय रहे। उन्होंने आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्गों के लोगों के लिए मुफ्त कानूनी सलाह और सहायता प्रदान की।
स्वतंत्रता संग्राम और इमरजेंसी में भूमिका
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा लिया और आपातकाल के दौरान जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। वे मालवा-निमाड़ सहित पूरे मध्य प्रदेश में आंदोलनकारियों के लिए कानूनी सलाहकार और मेंटर रहे।
भोपाल गैस कांड और अन्य मामले
आनंद मोहन माथुर ने भोपाल गैस कांड के पीड़ितों के लिए कोर्ट में याचिका दायर की और मुआवजे की मांग की। उन्होंने भोपाल एनकाउंटर (2016) और विकास दुबे एनकाउंटर (2020) जैसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट से निष्पक्ष जांच की मांग की।
संगीत प्रेम
कानून के जानकार होने के साथ-साथ वे संगीत प्रेमी भी थे। 94 वर्ष की उम्र में उन्होंने हारमोनियम बजाना सीखा। आनंद मोहन माथुर की अंतिम यात्रा 23 मार्च को सुबह 11 बजे उनके निवास रतलाम कोठी से निकलेगी। अंतिम संस्कार रामबाग मुक्तिधाम पर किया जाएगा।
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