Self-marriage Sologamy : गुजरात के वडोदरा में रहने वाली 24 साल की क्षमा बिंदू इन दिनों देश में ट्रेंड कर रही है। क्षम बिंदु ने काम ही ऐसा किया है कि हर तरफ अब उनकी ही चर्चा हो रही है। दरअसल, क्षमा बिंदू 11 जून को शादी करने वाली है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि वह किसी लड़के या लड़की से नहीं बल्कि वह खुद से शादी करने जा रही है। यह भारत का पहला मामला होगा जब किसी लड़की खुद से शादी कर रही हों। अमेरिका और यूरोप में खुद से शादी करना आम बात है। लेकिन भारत के लिए यह नया ट्रेंड है।
क्या है सोलेगौमी (Self-marriage Sologamy)
पॉलीगौमी को बहुविवाह कहा जाता है। वही मोनोगैमी को एक विवाह और सोलोगैमी (Self-marriage Sologamy) को स्व-विवाह यानी स्वयं से विवाह कहते है। दुनिया में अधिक्तर लड़कियां सोलोगैमी (Self-marriage Sologamy) या स्व विवाह करती है। सोलोगैमी खुद से प्यार करने का एक अलग कॉन्सेप्ट है। कुछ लोग अपने आप को इतना पसंद करने लगते है कि वह अपने आप से ही शादी कर लेते है। इन मामलो में ज्यादातर लड़कियां ही ऐसा करती है। हालांकि सोलोगैमी (Self-marriage Sologamy) को कानूनी मंजूरी नहीं मिली है। लेकिन सोलोगैमी (Self-marriage Sologamy) तरीके से शादी करने वाले लोग समारोह के आयोजन के साथ खुद से शादी रचा लेते है। ऐसे लोग अपनी आजादी के साथ समझौता नहीं करते हैं। उन्हें किसी सामाजिक बंधन में नहीं बंधना होता है। सोलोगैमी का ट्रेंड अब तेजी से विकसित देशों में फैलने लगा है।
कब से शुरू हुई है सोलोगैमी की शुरुआत?
सोलोगैमी की शुरुआत 90 के दशक में हुई थी। सोलोगैमी (Self-marriage Sologamy) के अनुसार लिंडा बेकर नाम की एक महिला ने साल 1993 में खुद से शादी की थी। लिंडा बेकर की शादी को ही पहले सेल्फ मैरिज का दर्जा मिला है। लिंडा बेकर की शादी में 75 के करीब लोगों शादी में शामिल हुए थे। 1993 के बाद कई ऐसी शादियां हुई। अब खुद से शादी यानी खुद से तलाक होना भी तय है। ब्राजीलियन मॉडल क्रिस गैलेरा ने अपने आप से तलाक ले लिया था।
कैसे होती है सेल्फ मैरिज?
खुद से प्यार करने का न तो कोई नियम हो सकता है न ही कानून। सेल्फ मैरिज (Self-marriage Sologamy) के केस में भी ऐसा ही है। जैसी परंपराएं एक शादी में निभाई जाती हैं, वैसी ही परंपराएं सेल्फ मैरिज (Self-marriage Sologamy) में भी निभाई जाती हैं। सेल्फ मैरिज करने वाले लोगों की मदद के लिए कई कंपनियां भी सामने आई हैं। वे इसे मेगा इवेंट की तरह डिजाइन करते हैं। क्षमा बिंदू की शादी पूरी तरह से सनातन परंपरा के साथ होगी। उनकी शादी में फेरे भी होंगे, वह सिंदूर भी लगाएंगी. मंगलसूत्र भी पहनेंगी और सुहागन भी बनी रहेंगी। लेकिन इस तरह की शादियों को भारत में मान्यता मिलेगी यह कुछ कहा नहीं जा सकता है।