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MP Patwari Recruitment: 8600 पदों पर जल्द होगी चयनित पटवारियों की भर्ती, धांधली के नहीं मिले कोई पुख्ता सबूत

MP Patwari Recruitment: 8600 पदों पर जल्द होगी चयनित पटवारियों की भर्ती, धांधली के नहीं मिले की पुख्ता सबूत।

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Preetam Manjhi
MP Patwari Recruitment: 8600 पदों पर जल्द होगी चयनित पटवारियों की भर्ती, धांधली के नहीं मिले कोई पुख्ता सबूत

   हाइलाइट्स

  • 8600 पदों पर जल्द होगी चयनित पटवारियों की भर्ती।
  • धांधली के नहीं मिले कोई पुख्ता सबूत।
  • जांच रिपोर्ट के आधार पर फैसला लेगी सरकार।
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MP Patwari Recruitment: MP में पिछले 8 महीने से अटकी पटवारी भर्ती नियुक्तियों पर जल्द रास्ता साफ हो सकता है। इस पटवारी परीक्षा में आयोग को जांच में गड़बड़ी के कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे परीक्षा निरस्त की जाए। सरकार को जस्टिस वर्मा ने जांच के बाद रिपोर्ट सौंप दी है।

सूत्रों के मुताबिक, परीक्षा की जांच रिपोर्ट में कहा गया है, कि सिर्फ 1 सेंटर में अप्रत्याशित परिणाम के आधार पर पटवारी की पूरी परीक्षा पर संदेह करना ठीक नहीं है। अब सरकार के ऊपर है, कि जांच रिपोर्ट के आधार पर फैसला ले।

26 जनवरी को CM डॉ मोहन यादव के 28 हजार भर्तियों वाले बयान के आधार पर अनुमान ये लगाया जा रहा है, कि चयनित उम्मीदवारों को सरकार निराश नहीं करेगी। हो सकता है, कि लोकसभा चुनाव से पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी हो जाए।

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https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1752541624402399474?s=20

हालांकि ग्वालियर के NRI सेंटर की कार्यप्रणाली पर जरूर कुछ सवाल उठ रहैं हैं, लेकिन इस सेंटर में हुई परीक्षा के परिणामों पर आखिरी फैसला सरकार ही करेगी।

आपको बता दें, कि साल 2022 के नवंबर में कर्मचारी चयन आयोग ने पटवारी सहित ग्रेड-3 के 9200 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था। 15 मार्च से 26 अप्रेल तक 78 परीक्षाएं हुईं। परीक्षा के लिए 12 लाख 7963 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। परीक्षा में 9 लाख 78 हजार 270 उम्मीदवार शामिल हुए थे।

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परीक्षा होने के बाद 30 जून को रिजल्ट आया। जिसमें 8617 पदों के लिए मेरिट सूची जारी हुई थी। इसी दौरान ग्वालियर के एक ही सेंटर NRI कॉलेज से 10 में से 7 टॉपरों के नाम सामने आने से सवाल उठने लगे। धांधली का आरोप लगाते हुए छात्रों में प्रदेश की सड़कों पर उतर गए। इसे देखते हुए शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश दिए थे।

जांच के लिए 19 जुलाई को जस्टिस राजेंन्द्र वर्मा की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया गया। जिसके लिए 31 अगस्त का समय दिया गया था, जो कि 31 अक्टूबर और फिर 15 दिसंबर तक बढ़ गया था। इसके बाद नई सरकार ने इसका समय 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया।

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   परीक्षा जांच में क्या हुआ

भोपाल, इंदौर और जबलपुर के साथ रीवा सहित अन्य संभागों के छात्रों ने वाल्मी में बने जांच आयोग के ऑफिल में  अपने बयान भी दर्ज कराए। इसके साथ ही धांधली के कई तथ्यों को पेश किया। जस्टिस वर्मा खुद परीक्षा सेंटर ग्वालियर के NRI कॉलेज सहित कई सेंटरों की जांच की।

व्यापमं से मांगी गई जानकारी से पूरी प्रक्रिया को वेरिफाई किया गया। वेरिफाई में बताया गया कि, किसी खास सॉफ्टवेयर से यदि सिस्टम को रिमोट पर ले लें, बस यही धांधली की आशंका है। बाकी कहीं की गड़बड़ी नजर नहीं आ रही है। सिस्टम रिमोट पर लिए जाने के कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं।

   सरकार लेगी फैसला

डॉ. मोहन यादव के CM बनने के बाद रोजगार के मामले पर यह सबसे बड़ा और अहम फैसला होगा। सीएम खुद जांच रिपोर्ट पढ़ने के बाद खुद तय करेंगे, कि पटवारी भर्ती रद्द की जाए या फिर चयनितों की नियुक्ति प्रकिया शुरू की जाए।

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