Jyotiraditya Scindia: सिंधिया ने बताई वजह, क्यों उखाड़ फेंकी प्रदेश से कांग्रेस की सरकार, कह दी यह बड़ी बात

भोपाल। ठीक एक साल पहले आज ही के दिन मप्र की सियासी हवा बिगड़ गई थी। आज ही के दिन कांग्रेस सरकार अल्पमत के कारण गिर गई थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं शिवराज सिंह ने एक बार फिर सीएम का पद संभाला था। दरअसल गत विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करने वाली पार्टी कांग्रेस के 28 विधायक कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा के ध्वज तले शामिल हो गए थे। इसके बाद कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। वहीं कांग्रेस छोड़ने वाले विधायकों में से 22 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक थे। वे सभी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं कुल 28 विधायकों ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। आज प्रदेश में गठित भाजपा की सरकार को एक साल हो गए हैं। इस मौके पर ज्योतिरादित्य सिंधिया दोपहर में सीएम शिवराज सिंह से मिले हैं। सिंधिया लंच पॉलिटिक्स के लिए भोपाल पहुंचे हैं।
कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा….
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। प्रदेश की जनता से किए गए एक भी वादे पूरे नहीं किए गए थे। कांग्रेस ने 15 महीने में प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या की दी थी। इसीलिए कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंका है। वहीं उपचुनाव में जनता ने भी अपना जवाब दिया और भाजपा की सरकार बनाई। जनता कांग्रेस की सरकार को अब स्वीकार नहीं कर रही है। इसी का नतीजा है कि न केवल मप्र में बल्कि पूरे देश में आज कांग्रेस हाशिए पर खड़ी है। वहीं भाजपा की तारीफ करते हुए सिंधिया ने कहा कि सीएम शिवराज सिंह जनता की सेवा में नए-नए कीर्तिमान रच रहे हैं। प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से खुश है। सिंधिया ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र प्रगति कर रहा है। सिंधिया ने जनता से भी कोरोना के नियमों को सख्ती से मानने की अपील की है। बता दें कि सिंधिया को लेकर कांग्रेस तंज कसती रहती है। हाल ही में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि सिंधिया कांग्रेस में होते तो सीएम बना दिए गए होते, भाजपा में बैकबेंचर बनकर रह गए हैं। वहीं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सिंधिया कांग्रेस में थे तो महाराज कहलाते थे अब भाजपा में भाईसाहब बनकर रह गए हैं।