Scindia On Son: अपने बेटे को लेकर सिंधिया ने दिया बड़ा बयान
ग्वालियर:देश के सबसे बड़े सियासी घरानों में से एक सिंधिया राजघराने(SCINDIA RAJGHARANA) के युवराज केंन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया(JYOTIRADITYA SCINDIA) के पुत्र महाआर्यमन सिंधिया(MAHAARYAMAN SCINDIA) की अब राजनीति में एंट्री नहीं होगी।क्योंकि उनके पिता ज्योतिरादित्य ने खुद इस पर मुहर(Scindia On Son) लगा दी है कि उनके बेटे अभी राजनीति में नहीं आ रहे हैं।गौरतलब हो कि महाआर्यमन के दादा माधवराव सिंधिया और उनके पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनीति में एंट्री क्रिकेट के पिच से शुरू हुई थी। ठीक दादा और पिता की राह पर महाआर्यमन की राजनीति में एंट्री शुरू हो रही थी। महाआर्यमन को ग्वालियर डिवीजन क्रिकेट एसोसिएशन का उपाध्यक्ष बनाया गया था। ऐसे में कयास लगाए जाने लगे थे कि महाआर्यमन की सियासत की पिच में लॉंचिग हो गई है। खास बात यह है कि महाआर्यमन को पहली बार किसी संस्थान या संगठन में पहली बार पद मिला था।
सिंधिया ने यह बोला
सिंधिया से जब पूछा गया कि आपके बेटे का राजनीति में आगमन कब होगा इस पर सिंधिया ने जवाब देते हुए कहा सिंधिया परिवार में राजनीति में एक समय में एक ही व्यक्ति रहता है।मेरे परिवार ने ये नियम पिछले 40 सालों से अपनाया हुआ है।मेरा मानना है परिवार का एक सदस्य ही राजनीति में होना चाहिए।उनकी इस बात से महाआर्यमन के राजनीति में आने की चर्चाओं को विराम लग गया है।महाआर्यमन के 2023 में राजनीति में उतरने की संभावनाएं थीं।
देखें वीडियो में क्या कहा सिंधिया ने -Scindia On Son
पद मिलने से पहले पीएम मोदी से मुलाकात
क्रिकेट एसोसिएशन में उपाध्यक्ष पद मिलने के चार दिन पहले सिंधिया के साथ आर्यमन ने भी पीएम मोदी से मुलाकात(Scindia On Son) की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद केंद्रीय मंत्री सिंधिया के घर पहुंचे थे। इस दौरान आर्यमन पीएम के करीब खड़े हुए थे। ऐसे में माना जा रहा है कि आर्यमन का सियासी सफर शुरू हो चुका है।
ग्वालियर के दुलारे है महाआर्यमन-(Scindia On Son)
सिंधिया राजघराने के युवराज की भले ही सियासत में एंट्री हो गई हो लेकिन वह काफी लंबे समय से एक्टिव है। महाआर्यमन ग्वालियर चंबल संभाग की जनता के चहेते माने जाते है। वह पहले से ही क्षेत्र की जनता के दिलों में अपनी जगह बना चुके है। महाआर्यमन भले ही विदेश से पढ़ाई करके आए है लेकिन उनके दिलों में आज भी क्षेत्र की जनता बसी हुई हैं क्योंकि आर्यमन अपना जन्मदिन मनाने के लिए आज भी ग्वालियर आते है। महाआर्यमन केा बिना किसी लाव लश्कर के आम जनता के बीच देखा जा सकता है। सिंधिया घराने के युवराज आर्यमन आज भी जनता की समस्याएं सुनते है, उनका निराकरण करते है। महाआर्यमन को अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया और अपनी मां प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के साथ कई सार्वजनिक मंचों पर देखा जा चुका है।
सिंधिया घराने की चौथी पीढ़ी-(Scindia On Son)
महाआर्यमन ज्योतिरादित्य सिंधिया के इकलौते बेटे हैं। सिंधिया की एक बेटी भी है। महाआर्यमन का जन्म 17 नबंवर 1995 को हुआ था। वह सिंधिया परिवार की चौथी पीढ़ी है जो राजनीति में उतरी है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह दून स्कूल से की। उसके बाद वह अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन करने चले गए। उनके दादा माधवराव सिंधिया ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पूरी पढ़ाई की थी और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री ली।
(Scindia On Son)
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