Science News : कुछ दिनों पहले ही यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों को बहुत बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। वैज्ञानिकों को हाल ही में आकाशगंगा में मौजूद एक ऐसे तारे के बारे में पता चला है जो अन्य के मुकाबले बहुत दुर्लभ है।वैज्ञानिकों के इस खोज को बहुत ही अहम माना जा रहा है।
वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया यह तारा एक व्हाइट ड्वार्फ पल्सर स्टार है। जो बहुत ही बहुत दुर्लभ है जो बहुत ही दुर्लभ माना जाता है।
वैज्ञानिकों का कहना है यह एक बहुत की दुर्लभ तारा है, जिसे ढूंढने के लिए उन्हें बहुत ही मेहनत करना पड़ा। जिसके बाद यह कामयाबी हाथ लगी है।
इस स्टार को खोजने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार पूरे मिल्कि वे में सिर्फ एक से दो ऐसे तारों की अभी खोज हुई है।जो पूरे universe में अरबों की संख्या मे मौजूद हैं।
यूनाइटेड किंगडम के वैज्ञानिकों ने किया खोज
यूनाइटेड किंगडम की वार्विक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं नें इस तारे की खोज की है। जिसका उन्होनें J1912-4410 नाम दिया है। खोजे गए इस तारे की मदद से अंतरिक्ष के कई रहस्यों से पर्दा हटाया जा सकेगा।
चुंबकीय क्षेत्र को समझना होगा आसान
यूनाइटेड किंगडम की वार्विक यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है। ऐसे तारों की ग्रैविटैशनल अट्रैक्शन की बनावट पृथ्वी की बनावट से काफी मिलता जुलता है। इन पल्सर स्टार्स का चुंबकीय क्षेत्र धरती से करोड़ों तो वहीं सूर्य के मुकाबले बहुत ही ज्यादा होता है। जो बहुत ही ज्यादा वजन और चुंबकीय क्षेत्र की वजह से यह ब्लैक होल मे तब्दील हो जातें हैं।
तारों के अवशेष से बनते हैं पल्सर स्टार्स
इंसानों के जैसे है universe में मौजूद इन तारों का अपना एक आयु होता है। जिसके पूरे होने के बाद इन्हें भी डेड स्टार का तबका दे दिया जाता है। खोजे गए इस अद्भुत तारा का निर्माण भी ऐसे ही डेड स्टार के अवशेषों से हुआ है।
ये भी पढ़ें :
Yoga Benefits in Hindi: सुबह-सुबह करें यह काम, रहेंगे मेंटली और फिजिकली फिट