शाजापुर से आदित्य शर्मा की रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में अब प्राइवेट स्कूल संचालक स्कूल बुक-ड्रेस जैसी चीजों में मनमानी नहीं कर सकेंगे। इसके लिए कलेक्टर ने आदेश जारी कर दिए हैं। दरअसल, जिले में सर्वसुलभ शिक्षा व्यवस्था के लिए कलेक्टर किशोर कन्याल ने यह बड़ा कदम उठाया है।
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शाजापुर कलेक्टर के आदेश के बाद स्कूल संचालकों, प्रकाशकों व स्कूल बुक-ड्रेस विक्रेताओं के एकाधिकार को खत्म कर दिया गया है। साथ ही आदेशों अव्हेलना करने पर दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 (1) (2) के तहत भी आदेश जारी किए गए हैं।
शाजापुर कलेक्टर के आदेश में क्या
शाजापुर कलेक्टर के आदेश के मुताबिक प्राचार्य स्कूल में संचालित प्रत्येक कक्षा के लिए अनिवार्य पुस्तकों की सूची विद्यालय के परीक्षा परिणाम के पूर्व अपने स्कूल की वेबसाईट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करेंगे व अपने स्कूल परिसर में सार्वजनिक स्थान पर चस्पा करेंगे। मान्यता नियमों के अन्तर्गत वेबसाईट होना अनिवार्य है।
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इसके साथ ही पुस्तकों की सूची की एक प्रति प्रवेशित अभिभावकों को प्रवेश के समय एवं परीक्षा परिणाम के समय तक उपलब्ध कराएंगे। स्कूल संचालक व प्राचार्य, विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों को सूचीबद्ध पुस्तकें परीक्षा परिणाम अथवा उसके पूर्व क्रय किये जाने के लिए बाध्य नहीं करेंगे।
जारी आदेश के मुताबिक स्कूल संचालक द्वारा विद्यार्थियों/अभिभावकों को पुस्तकें, कॉपियों, संपूर्ण यूनिफार्म आदि संबंधित स्कूल, संस्था अथवा किसी भी एक दुकान, विक्रेता, संस्था विशेष से क्रय किए जाने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
स्कूल के अंदर नहीं होगा प्रचार
स्कूल संचालक पालक शिक्षक संघ (पीटीएम) सुनिश्चित करेंगे कि निजी प्रकाश, मुद्रक, विक्रेता स्कूल परिसर के भीतर प्रचार – प्रसार के लिए किसी भी स्थिति में प्रवेश नहीं करेंगे। स्कूल संचालक या विक्रेता द्वारा पुस्तकों के सेट की कीमत बढ़ाने के लिए अनावश्यक सामग्री जो निर्धारित पाठ्यक्रम से संबंधित नहीं है का समावेश सेट में नहीं किया जाएगा।
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कोई भी विक्रेता किसी भी कक्षा के पूरे सेट को क्रय करने की बाध्यता नहीं रखेगा। यदि किसी विद्यार्थी के पास पुरानी किताबें उपलब्ध हो तो उसके केवल उसकी आवश्यकता की पुस्तकें को ही विक्रेता द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। कोई भी विद्यालय अधिकतम दो से अधिक यूनिफार्म निर्धारित नहीं कर सकेंगे, ब्लेजर इसके अतिरिक्त होगा।
स्कूल यूनिफार्म का निर्धारण
विद्यालय प्रशासन द्वारा स्कूल यूनिफार्म का निर्धारण इस प्रकार किया जाएगा कि कम से कम 03 सत्र तक उसमें परिवर्तन नहीं हो। विद्यालय प्रशासन द्वारा वार्षिकोत्सव अथवा अन्य किसी आयोजन पर किसी भी प्रकार की वेशभूषा को विद्यार्थियों एवं पालकों को क्रय करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा।
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जिन विषयों के संबंध में नियामक संस्था द्वारा कोई पुस्तक प्रकाशित एवं मुद्रित नहीं की गई है उस विषय से संबंधित किसी अन्य पुस्तक को अनुशंसित करने के पूर्व स्कूल संचालक सुनिश्चित करेंगे कि उक्त पुस्तक की पाठ्यसामग्री ऐसी आपत्तिजनक नहीं हो, जिससे लोक प्रशांति भंग होने की संभावना हो।
यह आदेश 20 अप्रैल से 12 जून 2023 तक लागू
कलेक्टर द्वारा जारी यह आदेश जिले की राजस्व सीमा क्षेत्र में 20 अप्रैल से 12 जून 2023 तक लागू किया गया है। आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के तहत एक पक्षीय पारित किया जाता है। कोई भी व्यक्ति इस सम्बन्ध में अपनी आपत्ति-आवेदन कलेक्टर को प्रस्तुत कर सकेगा।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा व इसका उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था, आयोजक के विरुद्ध भारतीय दण्ड प्रक्रिया की धारा 188 के अन्तर्गत कार्यवाही की जा सकेगी। विद्यालय द्वारा उक्त आदेशों की अव्हेलना किए जाने पर शाला के प्राचार्य/संचालक के साथ ही शाला प्रबंधक/बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के समस्त सदस्य भी दोषी होने का दिया गया है।
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