BHOPAL: मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग की विभागीय स्थानांतरण नीति जारी कर दी गई है School Education Department Transfer Policy।अब सभी स्कूलों के शिक्षकों के तबादले आनलाइन होंगे।स्कूल से संबंधित सभी तबादले रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर आवेदन होंगे।पुरानी प्रणाली में बदलाव लाते हुए निर्णय लिया गया है कि, अब प्रभारी मंत्री को कोई भूमिका नहीं रहेगी।इसके साथ ही शिक्षकों को मंत्री और विधायकों की निजी स्थापना में भी पदस्थ नहीं किया जाएगा। वहीं ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में सभी को सेवाएं देनी होंगी।
सीएम की अध्यक्षता में लिया गया निर्णय
स्थानांतरण से संबंधित नीति का फैसला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया और स्कूल शिक्षा विभाग की नई तबादला नीति को मंजूरी दी गई। मौजूदा शिक्षा सत्र के लिए तबादले पर से प्रतिबंध हटाने के संबंध में निर्णय अलग से लिया जाएगा। राज्य की तबादला नीति भी जल्द घोषित की जाएगी।
10 साल से शहर में पदस्थ टीचर्स भेजे जाएंगे गांव
शहरी क्षेत्रों में 10 साल तक पदस्थ शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा। ऐसे टीचर्स स्वैच्छिक ट्रांसफर प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। अध्यापक संवर्ग से आए शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में 5 से 10 साल सेवा देनी होगी, जबकि तीन साल में सेवानिवृत्त होने वाले गंभीर बीमार या विकलांग और एक साल से कम की सेवा व 40% या उससे अधिक नि:शक्तता होने पर तबादला नहीं किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने दी जानकारी School Education Department Transfer Policy
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने तबादला नीति के प्रमुख प्रविधानों की जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूछा कि आपने नीति बनाने में मंत्रियों से फीडबैक लिया या नहीं। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव सहित अन्य मंत्रियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थापना, शहरों में शिक्षक अतिशेष होने, गंभीर बीमार होने पर तबादले में प्राथमिकता दिए जाने से जुड़े सवाल पूछे। स्कूल शिक्षा मंत्री ने सबका उत्तर दिया और बताया कि नीति में इनका प्रविधान किया गया है। प्रतिवर्ष दिसंबर से 31 जनवरी तक संभावित रिक्तों की जानकारी तैयार की जाएगी। 31 मार्च से आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और 30 अप्रैल तक आदेश जारी होंगे।
तबादले की नीति के प्रमुख निर्णय ये रहे-
दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षकों की प्राथमिकता के आधार पर पूर्ति की जाएगी। नए शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में तीन साल सेवा देनी होगी और पूरे सेवाकाल में दस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में रहना होगा। शहरी क्षेत्रों में दस साल तक पदस्थ शिक्षकों को भी ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा जाएगा।
प्रशासनिक और स्वैच्छिक आधार पर स्थानांतरण किए जाएंगे। मंत्री या विधायकों की निजी स्थापना में पदस्थ शिक्षकों को वापस बुलाया जाएगा। इस नीति में समय-समय पर जो संशोधन आवश्यक होंगे, विभाग उन्हें अधिसूचना के माध्यम से लागू करेगा। मुख्यमंत्री ने विभागीय मंत्री को निर्देश दिए कि नीति में व्यावहारिक पहलुओं का भी ध्यान रखा जाए School Education Department Transfer Policy।
शहरों और गांवों में तबादले की क्या प्रक्रिया रहेगी?
– 10 साल या इससे अधिक एक ही संस्था में पदस्थ (खासतौर पर शहरी क्षेत्र) टीचरों को शिक्षक विहीन या कम टीचरों वाले गांव के स्कूलों में ट्रांसफर किया जाएगा। ऐसे शिक्षकों को स्वैच्छिक ट्रांसफर के लिए आवेदन करने की छूट होगी। इस मापदंड में आने वाले कुल टीचरों में से न्यूनतम 10% को पहले ही साल ट्रांसफर किया जाएगा। उन्हें कम से कम 10 साल वहां रहना होगा। नियुक्ति के बाद से नगरीय क्षेत्रों में लगातार काम कर रहे टीचरों को अब गांवों में जाना होगा। दूरस्थ व गांव के आदिवासी इलाकों में जाने वाले टीचरों को इंसेटिव मिलेगा। उनकी पदस्थापना इस तरह होगी…
2001 तक नियुक्त टीचर व संविदा कर्मी : 5 साल
2008 तक नियुक्त संविदा शिक्षक : 7 साल
2013 तक नियुक्त संविदा शिक्षक : 10 साल
2018 तक नियुक्त संविदा शिक्षक : 10 साल
किस-किसका ट्रांसफर नहीं होगा या किसे छूट मिलेगी?
जिनके रिटायरमेंट में एक साल या इससे कम समय है, उनका प्रशासनिक आधार पर ट्रांसफर नहीं होगा। स्वैच्छिक ट्रांसफर के बाद तीन शैक्षणिक सत्र तक उनके आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा।
ऐसे शिक्षक जिनके रिटायरमेंट में 3 साल बचे हैं या गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं या विकलांग हैं, उन्हें ट्रांसफर प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा।
रिटायरमेंट में एक साल से कम समय है, 40% या उससे अधिक नि:शक्तता है, गंभीर बीमारी है तो सरप्लस मानकर ट्रांसफर नहीं होगा।
ट्रांसफर कैसे और कब होंगे? आवेदन कैसे कर सकेंगे?
– ट्रांसफर की पूरी प्रक्रिया हर साल 31 मार्च से 15 मई के बीच पूरी की जाएगी। पोर्टल से ऑनलाइन आवेदन होगा। आदेश भी पोर्टल पर जारी होंगे।
ट्रांसफर में किसे पहले प्राथमिकता मिलेगी?
– ट्रांसफर में प्रशासनिक को पहले और स्वैच्छिक को बाद में प्राथमिकता दी जाएगी। ट्रांसफर में देखा जाएगा कि कोई स्कूल ऐसा न हो जाए कि उसमें टीचर ही न हों।
स्वैच्छिक ट्रांसफर में किसे वरीयता मिलेगी?
– स्थाई परिस्थिति के अलावा राष्ट्रीय पुरस्कार या राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को वरीयता मिलेगी।
किस कैडर में ट्रांसफर ज्यादा होंगे?
– किसी भी कैडर यानी 200 की संख्या तक के कैडर में 20% और इससे अधिक का कैडर है तो 15% ट्रांसफर होंगे।
ट्रांसफर से पहले के काम की क्या मियाद होगी?
– नए स्कूलों की मान्यता 31 दिसंबर तक होगी। एजुकेशन पोर्टल पर सभी टीचरों की पदस्थापना की जानकारी 15 जनवरी तक अपडेट होगी। रिक्त पदों का निर्धारण 31 जनवरी तक होगा। एजुकेशन पोर्टल पर रिक्त पदों की जानकारी 1 मार्च तक जारी होगी। पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन 31 मार्च तक। ऑनलाइन ट्रांसफर आदेश 30 अप्रैल तक जनरेट होंगे। सभी कैडर में ट्रांसफर 15 मई तक पूरे होंगे और वे रिलीव होंगे।