Delhi: आजाद भारत के पहले संसद भवन के उद्घाटन को लेकर तैयारियां अब अपने अंतिम दौर में है। रविवार, 28 मई को होने वाले उद्घाटन समारोह को लेकर शेड्यूल जारी कर दिया गया है। शेड्यूल के तहत, समारोह हवन और पूजा के साथ सुबह 7.30 बजे से शुरू होगा और पीएम मोदी के संबोधन के साथ समाप्त हो जाएगी। कुल 7 घंटे तक कार्यक्रम का आयोजन होना है।
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जानिए पूरा शेड्यूल
समारोह की शुरूआत हवन और पूजा के साथ सुबह 7.30 बजे से 8.30 बजे तक होगी। पूजा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत कई मंत्री मौजूद रहेंगे। इसके बाद भारत को सत्ता सौंपने के दौरान अंग्रेजों द्वारा उस समय के तत्तकालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया तमिलनाडु का ऐतिहासिक राजदंड ‘सेनगोल’ को सुबह 8.30 से 9.00 बजे के बीच अध्यक्ष की कुर्सी के पास स्थापित किया जाएगा।
Historic sceptre, ‘Sengol’, to be placed in new Parliament building: HM Shri @AmitShah pic.twitter.com/xO1cJnIvfH
— Office of Amit Shah (@AmitShahOffice) May 25, 2023
प्रार्थना सभा सुबह 9 से 9.30 बजे के बीच होगी। इस दौरान शंकराचार्य सहित कई बड़े विद्वान, पंडित और संत मौजूद रहेंगे। समारोह के दूसरे चरण की शुरूआत दोपहर 12 बजे राष्ट्रगान के साथ होगी। इसके बाद दो शॉर्ट फिल्में भी दिखाई जाएगी। इसके बाद राज्यसभा के उपसभापति, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संदेश को पढ़ेंगे।
फिर राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के अभिभाषण का प्रावधान किया गया है। हालांकि, कांग्रेस पहले ही इस समारोह के बहिष्कार करने का फैसला किया है। ऐसे में देखना होगा कि उनकी जगह कौन संबोधित करेगा। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष भी अपना संबोधन देंगे।
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आखिर में एक सिक्का और मोहर भी जारी किया जाएगा। फिर प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन होगा। दोपहर करीब 2-2.30 बजे कार्यक्रम का समापन होगा। बता दें कि दिसंबर 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। जिसका निर्माण विस्टा प्रोजेक्ट के तहत, टाटा ने किया है।
वहीं, बताते चलें कि 20 विपक्षी दलों ने संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है। हालांकि,समारोह में टीडीपी, बीजद और मायावती की बसपा समेत करीब 17 पार्टियां शामिल होंगी। विपक्षी दलों का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को “दरकिनार” करके उद्घाटन “गंभीर अपमान और लोकतंत्र पर सीधा हमला” है।
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