MP Teacher Recruitment: उच्च माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती मामले में हाईकोर्ट ने याचिका पर निर्णय का इंतजार किया है, जिसमें पूछा गया है कि एससी/ST/OBC को योग्यता में छूट क्यों नहीं दी गई। हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, सामान्य प्रशासन, जन जाति कार्य विभाग और कर्मचारी चयन मंडल से स्पष्टीकरण मांगा है। दरअसल एक अनुसूचित जनजाति की अभ्यर्थी ने स्कूल शिक्षा और जन जाति कार्य विभाग द्वारा बनाए गए भर्ती नियमों की संवैधानिकता को चुनौती दी है।
अभ्यर्थी ने नियमों को असंवैधानिक बताया
अभ्यर्थी का आरोप है कि शिक्षक भर्ती नियम 2018, संविधान के अनुच्छेद 14 और 335 के प्रावधानों के विपरीत हैं। एक अन्य याचिका में यह बताया गया है कि 2018 की भर्ती में 700 से अधिक हाई स्कूल शिक्षकों को नियुक्त किया गया है, जिनमें से कई के संबंधित विषय में स्नातकोत्तर अंक 50% से कम हैं, जबकि एनसीटीई ने न्यूनतम योग्यता 50% निर्धारित की है।
हाईकोर्ट ने विभागों के सचिवों से मांगा स्पष्टीकरण
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की सुरेश कैत और जस्टिस विवेक जैन की डबल बेंच ने आज 16 अक्टूबर 2024 को एक अंतरिम आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत हाइस्कूल शिक्षक भर्ती 2023 को याचिका क्रमांक 29838/24 के निर्णय के अधीन रखा गया है और 30 दिनों के भीतर जवाब तलब किया है। इस मामले में अनुसूचित जनजाति की हरदा निवासी अभ्यर्थी शिवानी शाह ने की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर के माध्यम से याचिका लगाई थी। इस याचिका में उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय विभाग द्वारा जारी शिक्षक भर्ती से संबंधित नियमों को चुनौती दी थी।
SC,ST, OBC कैंडिडेट को योग्यता में नहीं दी गई छूट
याचिकाकर्ता के वीकल ने बताया कि भर्ती के उक्त नियमों में ओबीसी, एससी और एसटी को योग्यता में कोई छूट नहीं दी गई है। जबकि संविधान के अनुच्छेद 335 के अनुसार, इन वर्गों को छूट प्रदान करना राज्य के लिए अनिवार्य है। इसके अलावा, आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 4(A) में भी राज्य शासन ने आरक्षित वर्ग को शैक्षणिक योग्यता में छूट देने का प्रावधान किया है। फिर भी, 2018 के शिक्षक भर्ती नियमों में आरक्षित वर्ग को शैक्षणिक योग्यता में कोई छूट नहीं दी गई है।
नियम 8 अनुसूची तीन के अनुसार, हाई स्कूल शिक्षक के लिए पात्रता में संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएट द्वितीय श्रेणी और B.Ed की आवश्यकता निर्धारित की गई है, लेकिन आरक्षित वर्ग को शैक्षणिक योग्यता में कोई छूट नहीं दी गई है। जबकि एनसीटीई के नियमों के अनुसार, संबंधित विषय में स्नातकोत्तर डिग्री के लिए 50% अंकों की अनिवार्यता है।