Bhima Koregaon Case: गौतम नवलखा की जमानत याचिका पर SC ने NIA को भेजा नोटिस, मांगा जवाब

नई दिल्ली। (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने (Bhima Koregaon Case) एल्गार परिषद-माओवादी के बीच कथित संबंध मामले में सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा की जमानत अर्जी पर बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने नवलखा की अर्जी पर जांच एजेंसी को नोटिस जारी किया। नवलखा ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध शीर्ष अदालत में अपील दायर की थी। उच्च न्यायालय ने आठ फरवरी को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। पीठ आज अपराह्न साढ़े चार बजे के बाद भी किसी अन्य मामले पर सुनवाई कर रह थी और शुरू में उसका मत था कि नवलखा की अर्जी बृहस्पतिवार को विचारार्थ लिया जाए।
Supreme Court issues notice to NIA on a plea filed by Gautam Navlakha, an accused in Bhima Koregaon violence case, challenging Bombay High Court order rejecting his plea for default bail
— ANI (@ANI) March 3, 2021
पीठ ने NIA को नोटिस जारी किया
नवलखा के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह कुछ (Bhima Koregaon Case) घंटे से इस मामले पर सुनवाई का इंतजार कर रहे हैं। इस पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संक्षिप्त सुनवाई हुई और पीठ ने एनआईए को नोटिस जारी किया एवं उससे 15 मार्च तक जवाब मांगा। पुलिस के अनुसार, कुछ कार्यकर्ताओं ने 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एल्गार परिषद की बैठक में कथित रूप से उत्तेजक और भड़काऊ भाषण दिया था जिससे अगले दिन जिले के कोरेगांव भीमा में हिंसा भड़की थी। पुलिस ने यह भी आरोप लगाया है कि इस कार्यक्रम को कुछ मओवादी संगठनों का समर्थन प्राप्त था। उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘उसे विशेष अदालत के आदेश में दखल देने का कोई कारण नजर नहीं आता।
अदालत ने जमानत याचिका खारिज की
विशेष अदालत ने उनकी (नवलखा की) जमानत याचिका (Bhima Koregaon Case) खारिज कर दी थी।’’ पिछले साल सोलह 16 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने नवलखा की अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसमें इस आधार पर वैधानिक जमानत मांगी गयी थी कि वह 90 दिनों से ज्यादा समय से हिरासत में हैं लेकिन अभियान पक्ष इस दौरान आरोपपत्र दाखिल नहीं कर पाया। एनआईए ने दलील दी थी कि उनकी अर्जी विचारयोग्य नहीं है तथा उसने समय (जांच एजेंसी) ने आरोपपत्र दाखिल करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की। इस बीच विशेष एनआईए अदालत ने नवलखा एवं उनके सह आरोपी डॉ. आनंद तेलतुम्बडे के विरूद्ध आरोपपत्र दाखिल करने के लिए समयावधि 90 दिनों से बढ़ाकर 180 दिन करने की एनआईए के अनुरोध को स्वीकार कर ली। नवलखा के वकील ने उस समय उच्च न्यायालय में कहा था कि एनआईए को आरोपपत्र दाखिल करने के लिए और वक्त दे दिया गया है।