नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को मोरेटोरियम ब्याज को लेकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने EMI बाद में चुकाने की सहूलियत देकर ब्याज वसूलने की नीति को लेकर सरकार से कहा कि, सिर्फ बिजनेस नहीं जनता के हित के बारे में सोचना होगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि लोन मोरेटोरियम की 6 महीने की अवधि के दौरान कर्ज पर ब्याज में राहत के मामले को लेकर केंद्र सरकार अपना रूख साफ कर लें।
आगे सुप्रीम कोर्ट ने कहा सरकार जनता से जुड़े अहम फैसलों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पीछे नहीं छिप सकती है। सरकार को आपदा प्रबंधन कानून के तहत वह अधिकार प्राप्त हैं जिसका इस्तेमाल कर वह लोगों को टाली हुई लोन EMI पर ब्याज माफ कर सकती है। लॉकडाउन के कारण उपजे भयावह हालात में ब्याज वसूलने या नहीं वसूलने का फैसला RBI पर नहीं छोड़ा जा सकता है।
SC ने कहा 7 दिन में साफ करें स्थिति
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा है कि 7 दिन में हलफनामा देकर व्याज माफी की गुंजाइश पर स्थिति को साफ करें। बुधवार के दिन कोर्ट ने कहा- आप सिर्फ बिजनेस के बारे में नहीं सोच सकते आपको जनता के परेशानियों की चिंता के बारे में भी सोचना होगा।
ये है पूरा मामला
कोरोना और लॉकडाउन की वजह से आरबीआई ने मार्च में लोगों को मोरेटोरियम यानी लोन की ईएमआई 3 महीने के लिए टालने की सुविधा दी थी। बाद में इसे 3 महीने और बढ़ाकर 31 अगस्त तक के लिए कर दिया गया। RBI ने कहा था कि लोन की किश्त 6 महीने नहीं चुकाएंगे, तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा। लेकिन, मोरेटोरियम के बाद बकाया पेमेंट पर पूरा ब्याज देना पड़ेगा। ऐसे में कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है।