Sabudana Rasmalai Recipe: सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। अक्सर सावन का महीना जुलाई और अगस्त के बीच आता है। इस दौरान बारिश की रिमझिम बारिश भी होती रहती है। सावन के महीने में व्रत रखने का विशेष महत्व होता है। खासकर सावन सोमवार के दिन। कई महिलाएं, युवती, यहां तक की लड़कियां भी व्रत कटी है। भगवान शिव की पूजा करके लोग अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और शांति की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं। भगवान शिवजी की पूजा में विशेष रूप से जल अभिषेक और दीप जलाने की परंपरा है।
इस दिन बहुत से लोग व्रत रखते हैं, जो उनके मानसिक और शारीरिक शुद्धिकरण के लिए होता है। सावन में विशेष रूप से फलाहार (व्रत का खाना) किया जाता है, जिसमें हल्का और पचने में आसान भोजन लिया जाता है। आमतौर पर व्रत में साबूदाना, आलू, मखाना, दूध, फल, और सूखे मेवे खाए जाते हैं।
इस बीच अगर आप रोज-रोज एक ही तरह का व्रत का खाना बनाकर बोर हो गए हैं, तो आज हम आपके लिए कुछ खास रेसिपी लेकर आए हैं। जिसका स्वाद चख कर आपका मन तो खुश होगा ही साथ ही आपके शरीर में कमजोरी महसूस नहीं होगी। दरअसल, हम बात कर रहे हैं साबूदाना की रसमलाई की। आइए जानते हैं इसकी रेसिपी।
साबूदाना की रसमलाई की रेसिपी

साबूदाना न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि यह सेहत के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद है। इसे व्रत में विभिन्न डिशेज़ के रूप में खाया जाता है, जैसे साबूदाना खिचड़ी, साबूदाना खीर, साबूदाना टिक्की आदि। लेकिन आज हम आपको साबूदाना रसमलाई की एक बेहतरीन रेसिपी बताने जा रहे हैं, जो न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। इसे बनाने का तरीका बेहद आसान है और यह व्रत के दौरान एक उत्तम मिठाई बन सकती है।
साबूदाना रसमलाई बनाने की विधि

सामग्री
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मीडियम साइज वाला साबूदाना – 1 कटोरी
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फुल क्रीम दूध – 1 लीटर
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चीनी – 1 कटोरी
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मिल्क पाउडर – 1 चम्मच
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केसर – 4-5 रेशे
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इलायची पाउडर – ½ चम्मच
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ड्राई फ्रूट्स (बादाम, पिस्ता, काजू) – गार्निश के लिए
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घी – थोड़ा सा (बॉल्स बनाने के लिए)
विधि
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सबसे पहले साबूदाना को अच्छे से धोकर 2-3 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। साबूदाना पूरी तरह से फूलने के बाद, उसे छानकर फिर से धो लें।
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अब एक प्लेट में थोड़ा सा घी लगाकर साबूदाना से छोटे-छोटे बॉल्स बना लें।
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एक पैन में फुल क्रीम दूध को उबालने के लिए रखें और उसमें मिल्क पाउडर डालकर अच्छे से मिलाएं।
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जब दूध उबल जाए, तो उसमें केसर डालकर अच्छे से मिक्स करें।
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फिर उसमें साबूदाना की बॉल्स डाल दें और साथ ही चीनी भी मिला दें। अब इसे मध्यम आंच पर पकने दें।
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दूध जब तक गाढ़ा न हो जाए, तब तक इसे पकने दें।
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अब इसमें इलायची पाउडर डालकर अच्छे से मिला लें और फिर गैस बंद कर दें।
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अंत में, साबूदाना रसमलाई को ड्राई फ्रूट्स से गार्निश करें।
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इसे फ्रिज में ठंडा करके सर्व करें।
साबूदाना रसमलाई अब तैयार है। यह एक हल्की, मीठी और स्वादिष्ट डिश है, जो व्रत के दौरान खाई जा सकती है। साथ ही यह शरीर को ऊर्जा भी प्रदान करती है।
व्रत रखने की विधि
व्रत की प्रक्रिया बहुत साधारण होती है, लेकिन इसका पालन पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाता है। सावन सोमवार के दिन व्रति (जो व्रत रखते हैं) सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करते हैं और फिर भगवान शिव का पूजन करते हैं। इसके बाद दिनभर का उपवासी रहते हैं, लेकिन वे केवल फलाहार या उन पदार्थों का सेवन करते हैं, जो व्रत के दौरान अनुमत होते हैं। शाम को पूजा के बाद पारण (व्रत का तोड़ना) किया जाता है, जिसमें वे शुद्ध और हल्का भोजन ग्रहण करते हैं।
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व्रत में क्या खा सकते हैं?
व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं किया जाता, लेकिन साबूदाना, आलू, मखाना, सिंघाड़े का आटा, फल और दूध से बने पदार्थों का सेवन किया जा सकता है। इन चीजों से शरीर को ऊर्जा मिलती है और व्रत के दौरान शक्ति बनी रहती है।
व्रत में खाने के लिए कुछ खास व्यंजन
सावन के महीने में व्रत के दौरान खाए जाने वाले कई स्वादिष्ट और सेहतमंद व्यंजन होते हैं, जिससे व्रत रखने वालों को ऊर्जा मिलती है और वे संतुष्ट रहते हैं। कुछ खास व्यंजन ये हैं।
व्यंजन | सामग्री | विशेषताएं |
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साबूदाना खिचड़ी | साबूदाना, आलू, मखाना, काजू, सिंघाड़े का आटा, घी | यह एक हल्की, स्वादिष्ट और ऊर्जा से भरपूर डिश है, जो व्रत में खास तौर पर बनाई जाती है। |
साबूदाना खीर | साबूदाना, दूध, चीनी, इलायची, मेवे | यह एक मीठी डिश है, जो व्रत के बाद खाई जाती है और यह सेहत के लिए फायदेमंद होती है। |
साबूदाना टिक्की | साबूदाना, आलू, मसाले | इसे व्रत में हल्का स्नैक के रूप में खाया जा सकता है। |
मखाना खीर | मखाना, दूध, चीनी, इलायची, मेवे | मखाना से बनी खीर व्रत के लिए एक और विकल्प हो सकती है। |
साबूदाना के फायदे

साबूदाना न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि यह सेहत के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद है। इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जैसे फाइबर, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट। ये तत्व हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हैं।
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हड्डियों के लिए फायदेमंद
साबूदाना में विटामिन K और कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करने में मदद करते हैं। यह हड्डियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है। -
पाचन के लिए लाभकारी
साबूदाना डाइटरी फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन प्रक्रिया को आसान बनाता है। इससे कब्ज और पेट की अन्य समस्याओं से राहत मिल सकती है। -
ऊर्जा का स्त्रोत
साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरी अच्छी मात्रा में होते हैं, जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करते हैं। यही कारण है कि व्रत के दौरान इसे खासतौर पर खाया जाता है।ये भी पढ़ें : Railway Job Fraud: इंजीनियरिंग छात्र को नौकरी का झांसा देकर 3 लाख ठगे, आरोपी ने रेलवे में भर्ती कराने इंटरव्यू लिया
FAQ
सवाल – क्या साबूदाना व्रत के दौरान खाने के लिए उपयुक्त होता है?
जवाब – जी हां, साबूदाना व्रत के दौरान खाने के लिए उपयुक्त होता है। साबूदाना में कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और पाचन में मदद करते हैं। यह व्रति के दौरान हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन है।
सवाल – साबूदाना रसमलाई बनाने में कितने समय का खर्च आता है?
जवाब – साबूदाना रसमलाई बनाने में लगभग 1 से 1.5 घंटे का समय लग सकता है। इसमें साबूदाना को भिगोने, दूध उबालने, और रसमलाई को पकाने का समय शामिल है। लेकिन यह समय काफी सरल और जल्दी बनने वाली रेसिपी है, जिसे आप व्रत के दौरान आसानी से बना सकते हैं।
सवाल – क्या साबूदाना रसमलाई सेहत के लिए फायदेमंद है?
जवाब – हां, साबूदाना रसमलाई सेहत के लिए फायदेमंद है। इसमें कैल्शियम, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत करने, पाचन को सही रखने और शरीर को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं। इसके अलावा, यह आसानी से पचने वाला भोजन है, जो व्रत के दौरान आवश्यक पोषण प्रदान करता है।