Sawan Somwar 2024: आज सावन का चौथा सोमवार है। पूरे प्रदेश में भक्त शिवालयों में दर्शन करने के लिए पहुंच हुए हैं। भगवान भोले नाथ को जल, दूध, बीलपत्र और धतूरा चढ़ाकर प्रसन्न किया जा रहा है।
वहीं उज्जैन में बाबा महाकाल के दरबार में भी श्रद्धालुओं की कतारें लगी हुई हैं। बाबा की भस्म आरती और दर्शन के लिए रात 2.30 बजे से ही मंदिर के पट खोल दिए गए हैं, जो कि रात 10.30 बजे तक खुले रहेंगे। शाम को 4 बजे चौथी सवारी (Sawan Somwar 2024) भी निकाली जाएगी।
Sawan: सावन महीने का चौथा सोमवार आज, देवों के देव महादेव की हो रही पूजा अर्चना#sawan #mahadev #sawansomwar #pooja #mandir pic.twitter.com/Ztg4Wr29JM
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) August 12, 2024
शाम 4 बजे निकलेगी सवारी
आपको बता दें कि शाम 4 बजे (Sawan Somwar 2024) बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए बैलगाड़ी में नंदी पर विराजमान होकर श्री उमा-महेश के स्वरूप में दर्शन देंगे।
पालकी में महाकाल चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में दर्शन देंगे। गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा और हाथी पर श्री मनमहेश की प्रतिमा होगी। सवारी में भजन मंडली, सशस्त्र बल की टुकड़ी, घासी जनजातीय समूह के कलाकार नृत्य करते हुए चलेगें।
भस्म आरती में राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार
बाबा महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। इसके बाद दूध, घी, दही, शहद, शक्कर और फलों के रस से बनाए गए पंचामृत से पूजन किया गया। भांग, आभूषण, चंदन और सूखे मेवे से महाकाल का राजा के स्वरूप में श्रृंगार किया गया। आज आरती में करीब 10 हजार भक्त शामिल हुए।
सवारी में घसिया और गोंड कलाकारों की होगी प्रस्तुति
इस बार की सवारी में घसिया और गोंड कलाकार शानदार प्रस्तुति देंगे। सवारी में घसिया बाजा बजाया जाएगा। ये नृत्य भगवान शिव की बारात में किया गया था, उसी कड़ी में आज नृत्य में भी कलाकार इसका अनुकरण करते हैं। बारात में भूत-प्रेत, दानव, मानव, जानवर जैसे करतब किए जाएंगे।
इन रूटों से निकलेगी सवारी
बाबा महाकाल की सवारी परंपरा के मुताबिक, महाकाल चौराहे से शुरू होगी। यहां गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होकर निकलेगी। यहां मां शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक पूजन-अर्चन किया जाएगा।
इसके बाद रामानुजकोट, सत्यनारायण मंदिर, मोढ की धर्मशाला, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, कार्तिक चौक खाती मंदिर, छत्री चौक पहुंचेगी। यहां से गोपाल मंदिर होते हुए पटनी बाजार और गुदरी बाजार से वापस श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी।
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