How to Save Drowning Person: गर्मियों के मौसम में आमतौर पर लोग वीकेंड्स पर वॉटर पार्क या स्विमिंग पूल में नहाने जाते हैं, इसके चलते ही बीते दिनों मध्यप्रदेश के भोपाल के पास सीहोर के वाटर पार्क में 9 साल के बच्चे की पानी में डूबने से मौत हो गई.
तो वहीं इंदौर शहर के तेजाजी नगर में डेढ़ साल के बच्चे की स्विमिंग पुल में डूबने से मौत हो गई. लेकिन ऐसे मामलों में कई बार सही जानकरी होने से हम उस व्यक्ति को बचा सकते हैं.
जैसे की हम जानतें हैं कि जब व्यक्ति डूबता है तो उसके फैफड़ों में पानी भर जाता है. जिसके बाद फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं. यही फेफड़े का पानी ब्लड वेसल्स में भी चला जाता है. आपको कुछ ऐसे प्राथमिक उपचार बताते हैं जिनके जरिए आप पानी में डूबने के बाद व्यक्ति को कैसे बचा सकते हैं.
जब व्यक्ति डूबता है उसके फेफड़ों और पेट में पानी चला जाता है, जिससे व्यक्ति के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है और दिल काम करना बंद कर देता है. यह सभी चीज़ें बहुत ही तेजी से होती हैं. जो भी बहुत खतरनाक हो सकता है. बंसल हॉस्पिटल के डॉक्टर के मुताबिक
कैसे दें प्राथमिक उपचार
जब कोई डूबता है, तो पानी उनके फेफड़ों और पेट में चला जाता है, जिससे उनके लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है और उनका दिल काम करना बंद कर देता है. सबसे पहले व्यक्ति की नाक बंद करके उसके मुहं को पूरी तरह से खोलें और सांस भरकर व्यक्ति को सांस दें.
यदि व्यक्ति की पल्स नहीं हैं तो सीने पर हथेली से दवाब डालकर पंपिंग करें. हालंकि बच्चों के लिए केवल 2 उँगलियों का प्रेशर काफी है. शिशु को आधा या एक इंच ही दबाएं, सीने पर प्रेशर न डालें। इस क्रिया से फेफड़ों में भरा पानी निकल जाएगा और धड़कन लौट सकती है। रिस्पांस न मिले तो पीड़ित को कृत्रिम सांस दें.
आपको ऐसा हर पांच सेकंड बाद दोहराना है. यह आपको जब तक करना तब तक उस व्यक्ति की नाड़ी काम करना शुरू न कर दे. यदि उस व्यक्ति के मुंह से पानी निकलता है, तो उसके सिर को झुकाकर पानी निकाल दें और उसे फिर से सांस लेने में मदद करें.
जब तक आप दिल की धड़कन महसूस न कर लें तब तक उस व्यक्ति को सांस देते रहें हैं. दिल की धड़कन जांचने के लिए अपना कान उनकी छाती पर रखें.
यदि वे अभी भी जीवित हैं, तो उन्हें जल्दी से हॉस्पिटल पहुंचाए. साथ ही उनकी नाक और मुँह से साँस लेने की आवाज़ सुनें. उनकी नाड़ी महसूस करके या अपने कान से उनकी छाती की आवाज़ सुनकर नाड़ी की जाँच करें.
रोगी के बाएं सीने पर कान रखकर उसकी धड़कन सुनकर जांच करें. अगर व्यक्ति जीवत है तो उसकी हथेलियों को रब करें ताकि व्यक्ति को गरमाहट महसूस हो. ऐसे व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुँचाने तक हिलाएं-डुलाएं नहीं.