पूरे प्रदेश में किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा, इस बीच इस मुद्दे पर सियासत भी जमकर हो रही है… दरअसल हाल ही में सतना सांसद गणेश सिंह ने खाद की कमी को लेकर गहरी चिंता जताई थी.. उन्होंने इसे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पत्र भी लिखा था.. जैसे ही ये पत्र वायरल हुआ इस पर सियासत तेज हो गई… पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने बीजेपी सांसद का पत्र शेयर करते हुए सरकार पर निशाना साधा… जीतू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- आखिर किसानों को खाद कब तक मिलेगा.. आपको बता दें कि संसद ने अपने पत्र में लिखा था कि, किसानों को उनकी मेहनत का उचित हक नहीं मिल रहा। खाद की ऊंची कीमतें और अव्यवस्थित वितरण व्यवस्था से किसान बेहाल हैं। उन्होंने सोसायटियों और निजी डीलरों को सचेत करते हुए कहा कि किसानों को लाइन में खड़ा करके परेशान करना किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सांसद ने सरकार से मांग की कि वह जिले सहित पूरे प्रदेश में खाद वितरण की व्यवस्था को पारदर्शी और सख्त निगरानी में लाए। उन्होंने आगे कहा, कि “प्रशासन जैसा चाहे वैसा करे, लेकिन किसानों को किसी भी हालत में परेशानी से बचाया जाए। हमारा और हमारी पार्टी का पूरा सहयोग किसानों के साथ है… उधर जब इस पत्र पर सियासत शुरू हुई तो सतना सांसद ने अपनी सफाई भी पेश की.. उन्होंने साफ कहा कि, मैंने खाद्य वितरण में सुधार लाने के लिए सीएम को पत्र लिखा था… लेकिन पीसीसी चीफ ने राजनीतिक षडयंत्र से भरा पोस्ट लिखा.. मैं उन्हें ऐसी ओछी राजनीति नहीं करने की सलाह देता हूं.. आपको बता दें कि हाल ही में हुए एक बैठक में सीएम मोहन ने कलेक्टरों को सख्त संदेश दिया था.. उन्होंने स्पष्ट कहा कि खाद वितरण कराना कलेक्टर का दायित्व है, इसमें गड़बड़ी या अव्यवस्था के लिए वे सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे..