Sarva Pitru Amavasya 2023: 29 सितंबर से शुरू हुए पितृपक्ष की समाप्ति जल्द ही होने वाली है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार पूरे 16 दिन तक श्राद्ध पक्ष के बाद अब 14 अक्टूबर को पितरों की विदाई हो जाएगी। जिस दिन पितृ पक्ष की समाप्ति होती है उसे सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। इसे महालया भी कहा जाता है। आपको बता दें सर्व पितृ अमावस्या के दिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। पितरों के श्राद्ध के लिए ये दिन सर्व श्रेष्ठ माना जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या पर कौन कर सकता है श्राद्ध
हमारे पितरों को उनकी तिथि के अनुसार श्राद्ध करने की परंपरा है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि लोगों को अपने पितरों की तिथियां याद नहीं होती। ऐसी स्थिति में जब पितरों की श्राद्ध तिथि न पता हो तो सर्व पितृ अमावस्या यानि महालया के दिन श्राद्ध किया जा सकता है। श्राद्ध पक्ष में ये दिन पितरों को तर्पण करने के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
16 दिनी श्राद्ध पक्ष की समाप्ति जिस दिन होती है उस दिन को महालय अमावस्या कहते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं किस दिन ये अमावस्या आने वाली है। साथ ही महालया अमावस्या की डेट, तिथि और महत्व क्या है।
महालया अमावस्या का महत्व
इस अमावस्या पर पितृ पक्ष समाप्त हो जाते हैं। साथ ही पितरों की विदाई हो जाती है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो जिन लोंगों को अपने पूर्वजों के श्राद्ध की तिथि का पता नहीं होता वे लोग इस दिन पितरों के नाम का तर्पण कर सकते हैं। इसके लिए पितरों की पसंद का भोजन बनाकर गाय, कुत्ते और कौओं को खिलाना चाहिए। वह प्रसन्न होकर पितृ लोक लौटते हैं।
पितृ पक्ष 2023 की तिथियां (Pitru Paksha 2023 Tithi)
पूर्णिमा श्राद्ध – 29 सितंबर
प्रतिपदा – 30 सितंबर
द्वितीया , तृतीया श्राद्ध – 1 अक्टूबर
चतुर्थी श्राद्ध – 2 अक्टूबर
पंचमी श्राद्ध – 3 अक्टूबर
षष्ठी श्राद्ध – 4 अक्टूबर
सप्तमी श्राद्ध – 5 अक्टूबर
अष्टमी श्राद्ध – 6 अक्टूबर
नवमी श्राद्ध – 7 अक्टूबर
खाली श्राद्ध – 8 अक्टूबर
दशमी श्राद्ध – 9 अक्टूबर
एकादशी श्राद्ध – 10 अक्टूबर
द्वादशी श्राद्ध – 11 अक्टूबर
त्रयोदशी श्राद्ध – 12 अक्टूबर
चतुर्दशी श्राद्ध – 13 अक्टूबर
पितृ पक्ष समाप्त (सर्व पितृ अमावस्या) – 14 अक्टूबर
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