Sarva Pitru Amavasya 2023: आज सर्वपितृ अमावस्या है। यानि आज पितृपक्ष समाप्त हो रहे हैं। इसी के साथ आज पितरों की विदाई हो जाएगी। वैसे तो पितृपक्ष के पूरे 16 दिन बेहद खास होते हैं। लेकिन ज्योतिष के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या का दिन सबसे महत्तवपूर्ण माना जाता है। आज की सर्वपितृ अमावस्या बेहद खास होने वाली है क्योंकि 5 साल बाद ऐसा योग बन रहा है जब ये सर्वपितृ अमावस्या शनिवार के दिन आ रही है।
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार शनिवार के दिन यदि सर्वपितृ अमावस्या आए तो ये बहुत शुभ होती है। साथ ही इस दिन अपने पितरों के शांति के लिए दा-पुण्य करने का भी विधान है। आपको बता दें इसके बाद अब ये सर्व पितृ अमावस्या और शनिवार का संयोग 2026 में यानि 3 साल बाद बनेगा। इसी के साथ इस दिन गज केसरी योग भी बन रहा है।
सर्वपितृ अमावस्या पर करें ऐसे करें पूजन
ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविंद शास्त्री के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या पर शनिपूजन का विशेष महत्व है। सर्वपितृ अमावस्या पर शनिवार, अमावस्या के साथ गज छाया नाम का योग बन रहा है। ज्योतिष के अनुसार जब चंद्रमा सूर्य के साथ कन्या राशि हस्त नक्षत्र पर गोचर करता है, तब गज छाया नाम का योग बनता है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार इस प्रकार के संयोग को विशिष्ट रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पितरों को दिया गया श्राद्ध पितरों को तृप्त करता है। यही कारण है कि इस दिन पितरों को श्रद्धा अर्पण करना चाहिए।
इन पेड़ों पर पीपल का पूजन महत्वपूर्ण
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार सर्वपित् अमावस्या के दिन पीपल के पौधे का पूजन जरूर करना चाहिए। पीपल का पेड़ में पितरों का वास माना जाता है। इतना ही नहीं श्रीमद् भागवत गीता भी में वर्णित हैं, भी पीपल के वृक्ष पर जल, कच्चा दूध अर्पण करने से पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है। इसके अलावा जो लोग शनि की साढ़ेसाती या ढैया या महादशा सी प्रभावित चल रहे हैं तो उनके लिए भी सर्वपितृ अमावस्या का दिन खास माना जा रहा है। शनि के विपरीत प्रभाव को कम करने और शनि को अनुकूल बनाने के लिए पीपल का पूजन यथा विधि करना चाहिए।