Government College Teachers Suspended: मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों में ‘सार्थक एप’ के जरिए घर बैठे उपस्थिति दर्ज करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस लापरवाही के चलते उच्च शिक्षा विभाग ने चार शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई की है। विभाग ने इन शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई से साफ हो गया है कि अब सरकारी सिस्टम में डिजिटल माध्यम का दुरुपयोग करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
सार्थक एप से उपस्थिति दर्ज कर मनाई छुट्टी
जानकारी के अनुसार ये मामला तब सामने आया, जब मीडिया रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि कई सरकारी कॉलेजों के फैकल्टी और प्राचार्य ‘सार्थक एप’ के जरिए अपने घर से ही अटेंडेंस लगा रहे कर रहे थे, जबकि वे कॉलेज की उपस्थिति रजिस्टर में भी मौजूद नहीं थे। यह एप उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कॉलेज स्टाफ की उपस्थिति ट्रैक करने के लिए लाया गया था ताकि पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई जा सके। लेकिन कुछ शिक्षकों ने इसी एप का गलत इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
चार शिक्षक सस्पेंड
इस मामले में सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चार शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया। इसमें जबलपुर के डॉ. राजीव शुक्ला सहायक प्राध्यापक (इतिहास), इन्होंने अपने निवास स्थान से सार्थक एप के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की, जबकि वे कॉलेज परिसर में मौजूद नहीं थे। निलंबन की अवधि में इनका मुख्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय, जबलपुर तय किया गया है। वहीं दूसरा नाम गंजबासौदा शासकीय कन्या महाविद्यालय के सोहन कुमार यादव प्रभारी प्राचार्य का है। इन्होंने भी इसी तरह अनुपस्थित रहते हुए डिजिटल माध्यम से हाजिरी लगाई। तीसरा नाम सिरोंज के लाल बहादुर शास्त्री कॉलेज के साधना कुमार झा सहायक प्राध्यापक हैं। इन पर भी कॉलेज में मौजूद न रहते हुए अटेंडेंस लगाने का आरोप है। चौथा नाम श्योपुर शासकीय विधि महाविद्यालय की सुनीता यादव प्रभारी प्राचार्य का है। इनके खिलाफ भी यही आरोप साबित हुआ है।
जांच में हुआ खुलासा
यह मामला 18 जुलाई उजागर हुआ। जिसमें पाया गया कि कुछ शिक्षक बनियान पहनकर घर में बैठे-बैठे ही अटेंडेंस दर्ज कर रहे हैं, और कॉलेज आकर पढ़ाने की जिम्मेदारी से बच रहे हैं। जांच के बाद पुष्टि हुई कि संबंधित फैकल्टी सदस्यों ने एप का दुरुपयोग किया है।
प्रोफेसर और स्थायी प्राचार्य बचे
मामले में चौंकाने वाली बात यह रही कि जब अतिथि विद्वानों पर पहले ही कार्रवाई हो चुकी थी, तब स्थायी फैकल्टी और प्राचार्य पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया था। लेकिन अब जब मीडिया और जन शिकायतों से मामला तूल पकड़ने लगा, तब विभाग को यह कार्रवाई करनी पड़ी।
क्या है ‘सार्थक एप’?
‘सार्थक एप’ उच्च शिक्षा विभाग की एक डिजिटल उपस्थिति प्रणाली है, जो यह सुनिश्चित करती है कि प्राध्यापक, प्राचार्य और अन्य स्टाफ कॉलेज परिसर में उपस्थित हैं या नहीं। एप जीपीएस के जरिए लोकेशन ट्रैक करता है और साथ ही लाइव फोटो अपलोड की जाती है। इसका उद्देश्य कॉलेज में मौजूदगी की पारदर्शिता बढ़ाना और फर्जी उपस्थिति पर रोक लगाना था। लेकिन इस मामले में इस प्रणाली का दुरुपयोग सामने आया।
भविष्य में हो सकती है और कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक विभाग अन्य कॉलेजों की भी गहन जांच करवा रहा है। यदि और शिक्षक इस तरह की गतिविधियों में संलिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ भी निलंबन या सेवा समाप्ति जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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