Sanjeev Bikhchandani Success Story: कहते हैं लक्ष्य बनाकर हौसले के साथ किसी काम को अंजाम देने की ठान लो, तो फर्श से अर्श तक पहुंचने में सफलता मिल ही जाती है। इसके कई उदाहरण भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर (Corporate Sector) में मौजूद हैं।
कई बिजनेसमैन ने बहुत ही छोटे स्तर पर बिजनेस की शुरुआत की और वो भी किसी ने पत्नी से पैसे उधार लिए, तो किसी ने नौकरी कर पैसे जुटाए, आज इनमें से ज्यादातर देश के सबसे अमीर लोगों (India’s Richest person) में शामिल हैं।
ऐसे ही एक भारतीय अरबपति संजीव बिकचंदानी (Indian Billionaire Sanjeev Bikhchandani), जिनकी कहानी बेहद दिलचस्प हैं, जिन्हें उनकी पत्नी ने हौसला दिया और आज वे करीब 50,000 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं।
देश के बड़े अरबपतियों में शुमार
इन्फो एज इंडिया लिमिटेड के को-फाउंडर संजीव बिकचंदानी देश के बड़े अरबपतियों में शुमार हैं और फोर्ब्स के रियल टाइम बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, उनकी कुल नेटवर्थ 2.3 अरब डॉलर या करीब 19,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
इन दो वेबसाइटों के को-फाउंडर हैं संजीव बिकचंदानी
नौकरी डॉट कॉम और जीवनसाथी डॉट कॉम इन वेबसाइटों के नाम तो आपने सुने होंगे और कभी न कभी इस्तेमाल भी किया होंगा। इन्हें ऑपरेट करने वाली कंपनी का नाम है इन्फो एज इंडिया लिमिटेड (Info Edge India Ltd) और इसके को-फाउंडर हैं संजीव बिकचंदानी ( Sanjeev Bikhchandani), जो देश के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हैं।
लेकिन, जैसे किसी बड़े लक्ष्य को पाने में तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, इनके लिए भी इस मुकाम पर पहुंचना इतना आसान नहीं रहा। लेकिन मेहनत और जज्बे की दम पर आज बिकचंदानी को ये सफलता हासिल हुई है।
1990 में नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस
नौकरी छोड़कर बिजनेस करना इतना आसान नहीं होता है इसलिए वे शिद्दत से जॉब करते रहे और इसके साथ-साथ बिजनेस प्लानिंग भी करते रहे। हालांकि, अच्छी-खासी नौकरी को छोड़कर अपना बिजनेस शुरू करना इतना आसान नहीं था, लेकिन यही वो पड़ाव था, जब उनकी पत्नी सुरभि ने उन्हें हौसला देते हुए खुद नौकरी करती रहीं और पति संजीव बिजनेस पारी खेलने के लिए तैयार हो गए।
साल 1990 में उन्होंने इन्फो एज (इंडिया) की शुरुआत की, सेकेंड हैंड कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने अपनी कंपनी का काम-काज शुरू किया।
ऐसे मिलती गई बिजनेस में सफलता
शुरुआती सालों में उन्हें अपनी कंपनी चलाने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दरअसल, कंपनी शुरू तो हो चुकी थी, लेकिन उससे आय न के बराबर ही हो रही थी। ऐसे समय में पत्नी सुरभि की सैलरी से संजीव बिकचंदानी को मदद मिली, फिर साल 1997 में उनकी मेहनत तब रंग लाई।
जब उन्होंने जॉब पोर्टल Naukri.com की शुरुआत की। इसे ऐसी सफलता मिली कि फिर संजीव ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और इस सेक्टर में एक के बाद एक कदम बढ़ाते रहे।
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