Sandipani Ashram : महाकाल की नगरी उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर दुनिया भर में प्रसिद्ध है, और अब बाबा महाकाल के दरबार में बने महाकाल लोक कॉरिडोर ने उसकी सुंदरता में चार चांद लगा दिए है। उज्जैन में बाबा महाकाल ही नहीं बल्कि बल्कि ऐसे कई धार्मिक स्थल हैं, जो उज्जैन को बेहद खास बनाते है। उज्जैन में आज भी वो जगह हैं जहां भगवान श्री कृष्ण ने अपनी शिक्षा पूरी की थी। उज्जैन में एक सांदीपनि आश्रम है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी। ये वही जगह हैं जहां कृष्ण भगवान ने हजारों साल पहले क,ख,ग से लेकर ज्ञ तक का ज्ञान लिया था।
महाभारत काल में था प्रसिद्ध
महाभारत काल की शुरुआत में शिक्षा का प्रतिष्ठित केंद्र उज्जैन ही हुआ करता था। भगवान श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा, गुरु सांदीपनि के आश्रम में बचपन में शिक्षा ग्रहण करने आए थे। तीनों ने यही से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरूआत की थी। महर्षि सांदीपनि का आश्रम मंगलनाथ रोड पर स्थित है। आश्रम के पास के इलाके को अंकपात के नाम से भी जाना जाता है, माना जाता है कि यह स्थान भगवान कृष्ण द्वारा अपनी लेखनी को धोने के लिए उपयोग किया गया था।
5 हजार साल पुराना है आश्रम!
बताया जाता है कि पहले ये आश्रम घास-फूस का बना था। मगर बाद में इसे बचाने के लिए इसे पक्का बना दिया गया है। महर्षि सांदीपनि आश्रम के एक पुजारी ने बताया कि यह आश्रम 5266 वर्ष प्राचीन है। आश्रम में भगवान श्रीकृष्ण, बलराम और सुदामा की बैठी हुई बाल रूप वाली प्रतिमा देखने को मिलती है। सभी एक विद्यार्थी की तरह हाथों में स्लेट व कलम के साथ दिख रहे हैं। जब बाल कन्हैया पढ़ने के लिए आए थे तब उनकी उम्र 11 वर्ष की थी। बताया जाता है कि 64 विद्या और 16 कलाओं का ज्ञान यहां से भगवान कृष्ण ने प्राप्त किया था। अपने मामा कंस का वध करने के बाद उन्होंने बाबा महाकालेश्वर की नगरी अवंतिका में आने के बाद 64 दिनों तक ठहरकर शिक्षा प्राप्त की थी।