Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीते 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के बाद अब घटना की जांच करने मंगलवार को तीन सदस्यीय न्यायिक कमेटी पहुंची है। जांच कमेटी के सदस्यों ने हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया है। इसके साथ ही जांच कमेटी ने शाही जामा मस्जिद पहुंचकर भी जांच की है।
जानकारी के मुताबिक, इस तीन सदस्य इस जाँच टीम में रिटायर्ड डीजीपी यूपी आईपीएस ए.के. जैन और रिटायर्ड प्रमुख सचिव आईएएस अमित मोहन प्रसाद और रिटायर्ड जज देवेन्द्र कुमार अरोड़ा शामिल हैं। जांच कर रही टीम ने आज मंगलवार को फिर जांच करने घटना स्थल पर पहुंची शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण किया और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से घटना के बारे में बारे में गहनता से जानकारी इकठ्ठा की है।
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जांच टीम पहुंची शाही जामा मस्जिद
हिंसा मामले में प्रशासन द्वारा जांच के लिए टीम का गठन किया गया था। संभल में जांच करने के लिए दूसरी बार पहुंची है इसके पहले भी टीम जांच के लिए पहुंच चुकी है। बता दें कि आयोग की टीम सुबह 12 बजे संभल पहुंची और सबसे पहले भारी पुलिस फ़ोर्स की सुरक्षा में आयोग की टीम ने घटना स्थल का जायजा लिया है। इसी के साथ मस्जिद कमिटी के लोगों ने जांच टीम के सदस्यों को जानकारी देकर कहा कि बीते 24 नवंबर को यहां सर्वे हुआ था और इसी सर्वे के दौरान यहां हिंसा भड़की थी, तो टीम ने पूछा की जब सर्वे हो रहा था तो कैसे मस्जिद के बाहर भीड़ जमा हो गयी और हिंसा भड़की थी। न्यायिक जाँच आयोग की टीम के साथ मुरादाबाद रेंज के डी आई जी मुनिराज जी0 सिंह और संभल के डी एम राजेन्द्र पेंसिया, संभल के पुलिस अधीक्षक कृषण कुमार विश्नोई ए एस पी श्रीशचन्द्र और सीओ अनुज चौधरी, एसडीएम वन्दना मिश्रा सहित पुलिस फ़ोर्स मौजूद रहे।
बताते चलें कि न्यायिक जांच टीम शाही जामा मस्जिद का भ्रमण करने के बाद अब संभल में चंदौसी रोड पर पी डब्लू डी के गेस्ट हॉउस में मौजूद रही। टीम ने मस्जिद के पास रह रहे लोगों से कहा है कि अगर अगर कोई नागरिक 24 नवंबर की हिंसा वाली घटना के बारे में अपने बयान दर्ज कराना चाहता है तो वह न्यायिक जाँच आयोग के समक्ष अपने बयान क दर्ज करा सकता है।