नई दिल्ली। Salary Saving Idea: आज के जमाने में सरकारी नौकरी तो money saving tips सपना बन के रह गया है। life style जिससे लोगों को महीने की पहली तारीख की सैलरी की टेंशन न हो। पर आज देश के अधिकांश लोग प्राइवेट नौकरी पर डिपेंड हैं। सबसे बड़ी बात आज के समय में अक्सर निजी संस्थानों में सैलरी महीने को अंत तक आती है इतना ही नहीं कभी-कभी अगले महीने की पहली तारीख ही सैलरी के इंतजार में निकल जाती है।
फिर होता यूं है Salary Saving Tips: कि सैलरी हाथ में आते ही महीने की शुरूआत में ही जेब ढीली हो जाती है। लोग क्योंकि मकान का किराया, बिजली का बिल, गैस सिलेंडर आदि के खर्चे शुरू हो जाते हैं। फिर अगला महीना शुरू होते ही एक बार फिर एक—एक दिन का इंतजार होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपनी सैलरी में कुछ हिस्सा बचाना शुरू कर दें। लेकिन इसके लिए आपको कुछ टिप्स अपनाने होंगे। इसलिए आज हम भी आपके साथ शेयर कर रहे हैं ये टिप्स। जिन्हें आप जरूर फॉलों करें। आज हम आपको बताएंगे कि सबसे पहले सैलरी मिलते ही आपको क्या करना है?
क्या सोचते हैं लोग —
कई बार ऐसा होता है कि लोगों से सैलरी में सेविंग की बात करते हैं तो उनका कहना होता है कि सैलरी अभी कम है। जब बढ़ेगी तब बचत करेंगे। लेकिन ऐसा सोचना गलत है। क्योंकि बचत की आदत शुरू से ही होनी चाहिए। फिर चाहे सैलरी कम हो या ज्यादा। एक सर्वे के अनुसार लोग अपनी सैलरी का 10 प्रतिशत हिस्सा फिजूल खर्चें पर कर देते हैं। इसलिए सबसे पहले जरूरी है आप अपनी फिजूल खर्चे को कम करें।
सेविंग और सैलरी अकाउंट करें अलग —
अगर आपकी सैलरी अकाउंट में आती है तो आपको सबसे पहले तो अपना सैलरी और सेविंग अकाउंट अलग—अलग कर देना चाहिए। वो इसलिए क्योंकि सैलरी मिलते ही सबसे पहले बचत या निवेश के लिए निर्धारित राशि को सैलरी अकाउंट से अलग कर दें। क्योंकि ऐसा सोचना कि जो पैसे बचेंगे उन्हें सेव करेंगे तो इससे तो आपकी बचत कभी नहीं हो पाएगी। इसलिए आपको सबसे पहले करना ये ही है कि सैलरी मिलते ही सबसे पहले निवेश की जाने वाली राशि को अलग रख दें। अगर आपके पास सैलरी अकाउंट के अलावा दूसरा अकाउंट हो तो पहली फुरसत में सेविंग का पैसा अलग कर लें।
सैलरी का कितना हिस्सा करें सेव —
एक उदाहरण से समझे मान लो आपको 30 हजार रुपए सैलरी मिलती है। तो पहली फुरसत में सैलरी का 20 प्रतिशत यानि 6 हजार निकालकर एक दूसरे अकाउंट में डाल दें। और इन पैसों को भूल जाएं। अब सवाल ये आता है कि इतनी कम सैलरी में सेविंग कैसे की जाए। इसके लिए आपको ये तरीका अपनाना होगा।
फिजूल खर्चों पर लगाएं लगाम —
अगर आप महीने में चार बार बाहर खाना खाते हैं तो आपको इसे घटाकर दो बार कर देना होगा। एक रिपोर्ट के अनुसार लोग अपनी सैलरी का 10 प्रतिशत हिस्सा तो केवल फिजूल खर्च में उड़ा देते हैं। आपको बता दें ये कदम शुरूआती दौर में थोड़ा समस्या पैदा कर सकता है लेकिन करीब 6 महीने में इसकी आदत हो जाएगी। इसलिए जरूरी है कि आपको इसकी आदत डालनी चाहिए। इसके अलावा आप सबसे उन कामों की लिस्ट बनाए जहां आप बिना काम का पैसा खर्च करते हैं।
क्रेडिट कार्ड की लत है बेकार —
अगर आपके पास क्रेडिट कार्ड है तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। वो इसलिए क्योंकि क्रेडिट कार्ड में बाद में पेमेंट करने के चक्कर में लोग एक्स्ट्रा पैसा खर्च कर देते हैं। जिसके बाद सैलरी मिलने पर अकाउंट सीधा खाली हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि सबसे पहले कार्ड को तुरंत बंद करवा दें। (Credit Card) इसके अलावा ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) से भी बचने की कोशिश करें। शॉपिंग करने से पहले लिस्ट तैयार कर लें। इतना ही नहीं आफर के चक्कर में आने से भी बचें।
इतना बचा सकते हैं पैसा —
जरा सोचिए अगर आप हर महीने 6 हजार रुपए बचाते हैं तो आप साल में 72 हजार रुपए तक बचा सकते हैं। इसलिए आप यकीन मानें 10 साल बाद ये स्थिति बनेगी कि आपको सैलरी न मिलने की कंडीशन में बार—बार पैसों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इन बचत के पैसों को बच्चों के नाम से आरडी या एमआईसी खुलवा सकते हैं। इतना ही नहीं इसे म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में एसआईपी कर सकते हैं।