Sakat Chauth 2025 Vrat Niyam: हिन्दू धर्म में व्रत त्योहार का बड़ा महत्व है। माघ महीने में आने वाला सबसे खास त्योहार सकट चौथ इस बार कब आएगा। सकट चौथ के नियम क्या हैं, चलिए जानते हैं माघ महीने में सकट चौथ कब आएगा। सकट चौथ व्रत रखने के नियम क्या हैं।
हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से जुड़े कई व्रत-त्योहार हैं। जिनमें से सकट चौथ का पर्व विशेष माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। पहली बार सकट चौथ व्रत रखने वालों को कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। तो आइए, इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि इस व्रत के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।
जानिए सकट चौथ व्रत रखने के नियम
- सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिलकुट का भोग लगाना न भूलें।
- इस दिन तिल से बनी चीजों, तिल के लड्डू या तिल से बनी मिठाई का भोग लगाया जा सकता है।
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत निर्जला रखा जाता है। जानकारी के अनुसार चंद्रमा को जल अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है।
- सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को उनके हरे रंग के ही कपड़े पहनाना चाहिए।
सकट चौथ पर भूलकर भी न करें ये कम
- ऐसा माना जाता है सकट चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं और माताओं को भूलकर भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। काला रंग अशुभता का प्रतीक माना जाता है।
- महिलाएं इस दिन चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद ही व्रत का पारायण करती हैं। व्रती महिलाएं को इस बात का ध्यान रखना है कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल के छींटे पैरों पर न पड़ें।
- जल के छींटे पैरों पर गिरना अशुभ माना जाता है।
- ऐसी मान्यता है कि सकट चौथ के दिन गणपति जी को मोदक का भोग लगाने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
- ऐसा भी कहा जाता है कि सकट चौथ व्रत के दिन भगवान गणेश की पूजा करते समय केतकी के फूल और तुलसी का उपयोग भूलकर भी न करें। इनका उपयोग पूजन में अशुभ हो सकता है।
- सकट चौथ की पूजा में गणेश जी की खंडित मूर्ति भूलकर भी न उपयोग करें। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है।
- अगर आप गणेशजी की नई मूर्ति घर लाना चाहते हैं तो इस दिन ला सकते हैं।
सकट चौथ व्रत की सही तिथि
हिन्दू पंचांग के अनुसार, सकट चौथ का व्रत हर साल माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आता है। इस साल 2025 में सकट चौथ का व्रत 17 जनवरी को रखा जाएगा।
सकट चौथ व्रत का महत्व
हिन्दू पंचांग के अनुसार सकट चौथ को सकट, तिलकुटा चौथ, तिलकुट, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सकट चौथ व्रत में गौरी पुत्र गणेश और सकट माता की आराधना करने से संतान की दीर्घायु की कामना की जाती है। इससे संतान को सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
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