हाइलाइट्स
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जातीय सर्वे के आकड़े वायरल
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सबसे बड़ी जाति साहू समाज की
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अभी नहीं हुई आधिकारिक पुष्टि
रायपुर। छत्तीसगढ़ में जातियों सर्वे के आकड़े सरकार के जारी करने से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। इन आकड़ों से पता चला है कि राज्य में सबसे ज्यादा आबादी साहू समाज की है। डेटा के मुताबिक साहू समाज की संख्या 30 लाख 5 हजार 661 बताई जा रही है।
जातीय जनगणना के आकड़े वायरल
कांग्रेस सरकार की में पूर्व सीएम भूपेश ने क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन किया था। इसका काम था कि राज्य के ओबीसी जनसंख्या का पता लगाना। वायरल हो रहे डेटा में 1 करोड़ 25 लाख 7 हजार 169 हेडकाउंट में सबसे बड़ा वर्ग ओबीसी है। बताया गया है कि 95 जातियों के सदस्य OBC और आर्थिक रूप से कमजोर से संबंध रखते हैं।
दूसरी बड़ी जाति यादवों की
वहीं छत्तीसगढ़ में दूसरी बड़ी जाति यादव है, इनकी संख्या 22 लाख 67 हजार 500 बताई गई है। तीसरे स्थान पर निषाद समजा है इनकी जनसंख्या 11 लाख 91 हजार 818 है। इसके अलावा चौथे नंबर कुशवाहा समाज है इनकी संख्या 8 लाख 98 हजार 628 है। वहीं कुर्मी जाति प्रदेश में छठवें स्थान पर हैं, इनकी संख्या 8 लाख 37 हजार 225 बताई जा रही है।
2019 में बना था क्वांटिफायबल डाटा आयोग
बता दें कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल के कार्यकाल के दौरान 11 सितंबर 2019 को क्वांटिफायबल डाटा आयोग का गठन कर निर्देश जारी किए गए थे। सरकार ने बिलासपुर जिला एवं सेशन जज के पद से सेवानिवृत्त छविलाल पटेल को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
सर्वे पर खर्च हुए 1 करोड़ 7 लाख
आयोग ने सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में 1 करोड़ 7 लाख 6 हजार 856 की राशि खर्च की थी। बताया गया है कि ऐप के जरिए सर्वे का कार्य किया गया था। कांग्रेस सरकार ने ये आकड़े सार्वजनिक नहीं किए थे।
बता दें कि पहले तो आयोग का गठन सिर्फ 6 महीने के लिए किया गया था, लेकिन इसका कार्यकाल 10 बार बढ़ाया गया। आयोग ने अपनी रिपोर्ट 21 नवंबर 2022 को सरकार को सौंपी थी।
सीएम साय ने कहा था कि आकड़े किए जाएंगे सार्वजनिक
बीते दिनों विधानसभा में सीएम साय ने कहा था कि आयोग के आकड़े जल्द ही सार्वजनिक किए जाएंगे। हालांकि अभी तक इन आकड़ों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
बीजेपी-कांग्रेस आपस में भिड़े
क्वांटिफायबल डाटा आयोग के आकड़े सार्वजनिक होने पर कांग्रेस ने सावल उठाए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि आकड़ें वायरल होना साय सरकार की विश्वसनीयत पर सवाल खड़ा करता है। उन्होंने कहा हमारी सरकार में ये सभी आकड़े सुरक्षित थे। कांग्रेस की ओर से इस लापरवाही में जांच की मांग की जा रही है।
वहीं इस पर बीजेपी के केदार गुप्ता कहा कि भूपेश बघेल आरक्षण के विरोधी रहे हैं। यही वजह थी कि उन्होंने जातियों आकड़ों को सावर्जनिक नहीं किया था।