Safdarganj Hospital: जहां बीते 23 नवंबर को देश के सबसे बड़े हॉस्पिटल दिल्ली एम्स के सर्वर को हैक कर लिया गया था। जिसके बाद से लेकर अभी तक उसे रिस्टोर नहीं किया जा सका है। वहीं अब दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल के अधिकारियों ने शनिवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि हमारे अस्पताल पर भी साइबर हमला हुआ था लेकिन नुकसान उतना गंभीर नहीं था जितना कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) अस्पताल को हुआ था।
साइबर हमला हुआ था
जानकारी के मुताबिक, अस्पताल ओपीडी सेवाएं मैन्युअल रूप से चलाता है इसलिए यह समस्या ज्यादा गंभीर नहीं थी। सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल का कहना है कि हॉस्पिटल पर एक साइबर हमला हुआ था। इस दौरान हमारा सर्वर नवंबर में एक दिन के लिए डाउन था, लेकिन डेटा सुरक्षित था। इसे आईटी, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) द्वारा नियंत्रित किया गया था, जिसने सिस्टम को पुनर्जीवित किया। वहीं डॉ शेरवाल ने आगे कहा कि साइबर हमला रैंसमवेयर नहीं था जैसा कि दिल्ली एम्स में था।
बता दें कि इससे पहले एम्स दिल्ली के सर्वर को 23 नवंबर को हैक कर लिया गया था। जानकारों के मुताबिक, वह एक रैंसमवेयर साईबर अटैक था। उस दिन के बाद से सारे काम मैन्युअल तरीके से किए जा रहे है। अटैक के 11वें दिन भी इस ठीक नहीं किया जा सका है। इससे पहले मंगलवार को एम्स ने बयान जारी कर कहा था कि ई-हॉस्पिटल का डेटा रिस्टोर कर लिया गया है।
“ई-अस्पताल डेटा को सर्वर पर बहाल कर दिया गया है। सेवाओं को बहाल करने से पहले नेटवर्क को साफ किया जा रहा है। डेटा की मात्रा और अस्पताल सेवाओं के लिए सर्वर/कंप्यूटर की बड़ी संख्या के कारण प्रक्रिया में कुछ समय लग रहा है। साइबर सुरक्षा के लिए उपाय किए जा रहे हैं।”