नई दिल्ली। चूड़ी एक ऐसी चीज है Rules-of-wearing-bangles-as-per-astrology जो महिलाओं के 16 श्रृंगारों में women and life से एक है। इतना ही नहीं नई नवेली दुल्हन के लिए vastu me choodi pahanne ke niyam चूड़ी एक खास गहना है। चूड़ी शब्द संस्कृत शब्द बंगाली या बंगरी से आया है। जिसका अर्थ है एक ऐसा आभूषण, जो कलाई को सजाता है। पर क्या आप जानते हैं कि हिन्दू धर्म में ज्योतिष के अनुसार इस पहनने के कुछ नियम भी हैं।
पहले के समय में चूड़ियां विवाहित स्त्रियों की पहचान होती थीं। लेकिन समय के साथ ये अब फैशन में आ गई हैं। कुंवारी कन्याएं भी इसे पहनना पसंद करती हैं। क्या आपने इन चूड़ियों के लिए सोचा है कि ज्योतिष के अनुसार इन्हें पहनने के भी कुछ नियम हो सकते हैं। तो चलिए जानते हैं चूड़ियां पहनने के ज्योतिश्चिय नियम क्या हैं। किस दिन चूड़ियां आपको भूलकर भी नहीं पहननी चाहिए।
किस दिन चूड़ियां पहनना शुभ है
ज्योतिषाचार्य पंडित सनत कुमार खंपरिया के अनुसार चूड़ियां बुध और चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करती हैं। साथ ही ये इनका संबंध वैवाहिक जीवन और सुंदरता से होता है। इतना ही नहीं चूड़ियां स्त्री के शारीरिक और मानसिक स्थिति को भी बढ़ाती हैं। अब बात आती है इन्हें पहनने की।
- चूड़ियों को पहनने के लिए रविवार और शुक्रवार सबसे अच्छे दिन माने जाते हैं। इस दिन पहनने से सुहाग बना रहता है।
- इसके अलावा ज्योतिष में मंगलवार और शनिवार के दिन नयी चूड़ियां न खरीदने और न पहनने की सलाह दी जाती है।
- ऐसा माना जाता है कि मंगलवार और शनिवार को सुहागिन स्त्रियां यदि नयी चूड़ियां पहनती हैं तो ये उनके जीवन में कुछ अशुभ संकेत लाते हैं।
- यदि आपको किसी वजह से इन दिनों में नयी चूड़ियां पहननी पड़ें तो सबसे पहले ये चूड़ियां तुलसी माता को समर्पित करके अपने हाथों में पहनें।
हाथों में कितनी चूड़ियां होती हैं शुभ
- ऐसा माना जाता है कि विवाहित महिलाएं को आमतौर पर 21 चूड़ियां पहननी चाहिए।
- हर हाथ में उचित और समान मात्रा में सोने या चांदी से बनी 2 चूड़ियां रख सकती हैं।
- एक नयी दुल्हन को कम से कम 40 दिनों तक चूड़ियां पहननी चाहिए।
- एक साल तक उन्हें कांच की चूड़ियां जरूर पहनना चाहिए। अगर आप नई चूड़ियां पहनती हैं तो इसे सुबह या शाम के समय पहनें।
कैसा हो चूड़ियों का रंग
सुहागन को हमेशा लाल रंग से जोड़ कर देखा जाता है। वैसे तो कन्याएं किसी भी रंग की चूड़ियां पहन सकती हैं। पर जब बात आती है विवाहित महिलाओं की, तो जहां तक संभव हो उन्हें काले या गहरे रंग की चूड़ियां पहनने से बचना चाहिए। इस रंग की चूड़ियां शादियों के बाद शुभ नहीं मानी जाती।
चूड़ी पहनने के फायदे –
- शारीरिक रूप से फायदे की बात करें तो चूंडियां पहनने से कलाई में घर्षण होता है। जिससे रक्त संचार बढ़ता है। जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित बना रहता है।
- इसी तरह प्रेगनेंट लेडी को भी चूड़ियां पहनने से फायदा होता है। गर्भवती महिलाओं के लिए भी चूड़ियां पहनने की सलाह दी जाती है। खासकर 7वें महीने के बाद। वो इसलिए क्योंकि 7वें महीने के बाद शिशु के मस्तिष्क की कोशिकाओं का विकास होता है। इस दौरान बच्चों में विभिन्न प्रकार की आवाजों को सुनने की क्षमता विकसित होने लगती है। ऐसे में चूड़ियों की आवाज बच्चे के मस्तिष्क के विकास को उत्तेजित करने में मदद करती है। इस दौरान चूड़ियां पहनने से महिलाओं को मानसिक तनाव से भी राहत मिलती है।
कांच की चूड़ियों के फायदे –
विवाहित स्त्रियों के लिए कांच की चूड़ियां पहनने से सकारात्मकता और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ज्योतिष के अनुसार विवाहित महिलाएं कोई भी चूड़ियां पहनें, लेकिन उसके साथ कांच की चूड़ी पहनना भी जरूरी है। वो इसलिए क्योंकि इससे नकारात्मकता कम होगे, सकारात्मकता बढ़ती है। आप कांच की चूड़ियों के साथ सोने की चूड़ियां भी पहन सकती हैं।