RTI कार्यकर्ता का खुलासा, लॉकडाउन ने बचाए टूटते रिश्ते, कम हुए तलाक के मामले

ग्वालियर: लॉकडाउन में कुछ चीजें नकारात्मक ही हुईं हैं, लेकिन इसका दूसरा सकारात्मक पहलू भी निकल कर सामने आया है। ग्वालियर जिले में बीते चार साल से फैमिली कोर्ट में तलाक के मामले लगातार बढ़ रहे थे। लेकिन लॉकडाउन की वजह से करीब 9 महीने कोर्ट बंद रहे हैं। जिससे तलाक के आवेदनों की संख्या में खासी कमी आई हैं।
लॉकडाउन नहीं लगता तो 6 हजार हो जाते तलाक के आवेदन
ग्वालियर में बीते चार साल से फैमिली कोर्ट में तलाक के मामले लगातार बढ़ रहे थे। लेकिन लॉकडाउन ने इन बढ़ते आवेदनों पर ब्रेक लगा दिया। ये खुलासा आरटीआई कार्यकर्ता संकेत साहू ने किया। संकेत ने सूचना के अधिकार के तहत इस संबंध में जानकारी मांगी थी। जिसमें पता चलता है कि, 2019 में 2 हजार 820 तलाक के आवेदन आए थे, जबकि बीते साल कोर्ट खुले रहते तो आवेदनों की संख्या बढ़कर 6 हाजर 18 हो जाती, लेकिन लॉकडाउन के चलते कोर्ट भी बंद हो गए थे। जिस वजह से आवेदनों की संख्य काफी कमी रही।
पिछले 3-4 साल में बढ़ी तलाक के केसों की संख्या
20 साल से कुटुंब न्यायालय में पैरवी कर रहे राजेंद्र सिंह बताते है कि, पहले कंपू पर कोर्ट लगता था। बहुत कम ही केस आते थे, लेकिन पिछले तीन-चार साल में केसों की संख्या बढ़ने लग गई है। एक कोर्ट से बढ़कर तीन कोर्ट हो गए हैं। केसों की संख्या की वजह से चार-चार महीने की तारीख मिल रही है।
बीते तीन साल में एक अलग ट्रेंड ये भी सामने आया कि, जुलाई और अगस्त में तलाक के केस सबसे ज्यादा फाइल हो रहे हैं। हालांकि कोर्ट के जानकार कहते हैं कि अगर 2021 में बढ़ते तलाक के मामलों में कमी आती है, तो ये समाज के लिए अच्छा संकेत हो सकता है।
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