Highlights:
- शिक्षा में नवीन तकनीक पर जोर
- समाज के कल्याण का लक्ष्य
- सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण संरक्षण
Vidya Bharati Training Camp: भोपाल के शारदा विहार शैक्षिक संस्थान में विद्या भारती का अभ्यास वर्ग आज मंगलवार 04 मार्च शुरू हो गया है। इस वर्ग का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने किया।
यह अभ्यास वर्ग 5 दिनों तक चलेगा, जिसमें देश भर के 700 से अधिक पूर्णकालिक कार्यकर्ता (Full-time worker) भाग ले रहे हैं। इस वर्ग का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में न्यू टेक्नोलॉजी और ज्ञान को अपनाकर शिक्षकों और कार्यकर्ताओं को ट्रेन करना है।
डॉ. मोहनराव भागवत ने कहा: शिक्षा का व्यापक दृष्टिकोण
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) March 4, 2025
डॉ. मोहनराव भागवत ने कार्यक्रम के उद्घाटन में कहा कि विद्या भारती केवल शिक्षा प्रदान करने का कार्य नहीं करती, बल्कि समाज को सही दिशा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि इसे व्यापक दृष्टिकोण से देखना होगा।
शिक्षा का उद्देश्य: समाज को नैतिक रूप से समृद्ध बनाना
डॉ. भागवत ने कहा कि विद्या भारती की शिक्षा प्रणाली छात्रों के जीवन मूल्यों और संस्कारों का निर्माण करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान देना नहीं है, बल्कि समाज को नैतिक रूप से समृद्ध बनाना भी है।
समय के साथ परिवर्तन: सकारात्मक दिशा की आवश्यकता
डॉ. भागवत ने कहा कि समय के साथ परिवर्तन आवश्यक है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि परिवर्तन की दिशा सही हो। उन्होंने कहा कि मानव को अपने मस्तिष्क के बल पर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहिए।
टेक्नोलॉजी और मानवीय नीति
आधुनिक समय में तकनीक के प्रभाव को रेखांकित करते हुए डॉ. भागवत ने कहा कि हमें टेक्नोलॉजी के लिए एक मानवीय नीति बनानी होगी। उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान और तकनीक में जो कुछ गलत है, उसे छोड़ना पड़ेगा और जो अच्छा है, उसे स्वीकार कर आगे बढ़ना होगा।
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विविधता में एकता: भारतीय संस्कृति की विशेषता
डॉ. भागवत ने भारत की सांस्कृतिक विशेषता पर जोर देते हुए कहा कि हमें विविधता में एकता बनाए रखनी होगी। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति ने हमेशा सभी को जोड़ने का कार्य किया है, और इसे बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।
विश्व भारत की ओर देख रहा है- डॉ. भागवत
डॉ. भागवत ने कहा कि आज विश्व भारत की ओर आशा भरी दृष्टि से देख रहा है। भारत ने सदैव सत्य के मार्ग पर चलते हुए अपने मूल्यों को बनाए रखा है, और यह आज भी उतना ही प्रासंगिक है।
सभी के कल्याण का उद्देश्य
उन्होंने कहा कि हमारे प्रयास केवल एक वर्ग या समूह के कल्याण तक सीमित नहीं होने चाहिए, बल्कि हमें संपूर्ण समाज के कल्याण का लक्ष्य रखना होगा।
विमर्श का स्वरूप बदलना
डॉ. भागवत ने कहा कि विमर्श का स्वरूप बदलना भी एक महत्वपूर्ण कार्य है। हमें सकारात्मक सोच और रचनात्मक विचारों के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए काम करना चाहिए।
अभ्यास वर्ग के मुख्य आयोजन
- 22 सत्रों का आयोजन: इस अभ्यास वर्ग में कुल 22 सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें एनसीईआरटी, सीबीएसई के निदेशक, भाषा भारती के अध्यक्ष और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ शामिल होंगे।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप टेक्नोलॉजी पर फोकस: इस वर्ग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीप टेक्नोलॉजी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, ताकि शिक्षक इन तकनीकों में दक्ष हो सकें।
- जिला स्तर पर प्रशिक्षण: इस वर्ग में प्रशिक्षित कार्यकर्ता जिला स्तर पर अन्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देंगे, ताकि शिक्षा के क्षेत्र में नए परिवर्तनों को जमीनी स्तर पर लागू किया जा सके
अभ्यास वर्ग का उद्देश्य और महत्व
विद्या भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष रामकृष्ण राव ने बताया कि इस अभ्यास वर्ग का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक और ज्ञान को अपनाना है। विद्या भारती के 22,000 से अधिक औपचारिक और अनौपचारिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों और कार्यकर्ताओं को ट्रेन किया जाएगा। इसके अलावा, देश के सभी जिलों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने की योजना है, ताकि शिक्षा के साथ-साथ छात्रों को कौशल विकास का भी अवसर मिल सके।
प्रदर्शनी और सांस्कृतिक झलक
इस आयोजन में भारत की सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और शैक्षणिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए डिजिटल और मैन्युअल प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। इन प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत के गौरवशाली अतीत और उज्ज्वल भविष्य की झलक दिखाई जाएगी। इसके अलावा, आयोजन स्थल को पर्यावरण-संवेदनशील बनाते हुए इसे पूरी तरह से प्लास्टिक मुक्त रखने का संकल्प लिया गया है।
विद्या भारती का विजन
विद्या भारती का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण करना है। इसके तहत देश भर में 22,000 से अधिक विद्यालय संचालित हैं, जिनमें 1 लाख 6 हजार से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। इस अभ्यास वर्ग के माध्यम से इन शिक्षकों को नवीनतम तकनीक और ज्ञान से अवगत कराया जाएगा, ताकि वे छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सकें।
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