हाइलाइट्स
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युवतियों को बेंगलुरु में जॉब झांसा, टिकट तिरुपुर का
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जॉब के बारे में किसी युवती को कोई जानकारी नहीं
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12वीं तक पढ़ी-लिखीं हैं युवतियां, परिजन भी साक्षर
CG Human Trafficking: छत्तीसगढ़ रोजगार के संसाधनों के अभाव में लोगों को दूसरे राज्यों में जाकर काम करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रदेश के युवक-युवतियां मानव तस्करी का शिकार हो जाते हैं।
ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां 16 युवतियों को बिना बताए ही जॉब दिलाने के नाम पर ले जाया जा रहा था। जिन्हें आरपीएफ पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर बरामद किया है।
पुलिस ने जॉब संबंधी जब दस्तावेज मांगे तो किसी के पास भी प्लेसमेंट के डॉक्यूमेंट्स नहीं थे।ये सभी युवतियां करीबधाम जिले की हैं, जिन्हें राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पर बरामद किया है। पुलिस मामले की पूछताछ कर रही है।
बेंगलुरु जा रही, टिकट तिरुपुर का
जानकारी के अनुसार शनिवार रात करीब 12 बजे सभी 16 युवतियां (CG Human Trafficking) कोरबा-त्रिवेंद्रम एक्सप्रेस ट्रेन का इंतजार कर रही थीं।
युवतियों को देर रात स्टेशन पर देख आरपीएफ निरीक्षक तरुणा साहू ने पूछताछ की। पूछताछ में युवतियों ने बताया कि वे सभी जॉब के लिए बेंगलुरु जा रही हैं।
सभी के टिकट जांच करने पर सभी के पास तिरुपुर की ई-टिकट मिली।
वन स्टॉप सेंटर में भेजा गया
आरपीएफ निरीक्षक ने जब उसने जॉब संबंधी डॉक्यूमेंट मांगे तो उनके पास ऐसा कोई सबूत या दस्तावेज नहीं था।
उन्होंने इसके एवज में सिर्फ इतनी जानकारी दी कि स्मार्ट स्टाफ प्लेसमेंट एजेंसी (Smart Staff Agency) उन्हें काम दिलाने के लिए लेकर जा रही रही है।
आरपीएफ को यह जवाब शंकाभरा (CG Human Trafficking) लगा। आरपीएफ प्रभारी ने चाइल्ड केयर की टीम को सूचना दी।
इसके बाद मामला संदेहास्पद होने पर सभी युवतियों को रात में सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंचाया गया। जहां से उनके परिजनों को भी सूचना दी है। देर शाम कुछ युवतियों को लेने उनके परिजन कवर्धा से नांदगांव पहुंचे हैं।
जॉब के बारे में नहीं बता पाई युवतियां
आरपीएफ पुलिस (RPF Rajnandgaon) के द्वारा जानकारी मिली है कि सभी युवतियां 12वीं पास हैं। ये सभी कवर्धा के आसपास के गांव की रहने वाली हैं।
अधिकतर युवतियां एससी वर्ग की हैं। सभी की उम्र 20 से 23 साल है। एक युवती ने बताया कि स्मार्ट स्टाफ कंपनी ने नौकरी दिलाने का वादा किया है।
जॉब प्लेसमेंट (Job Plasment) पर 12 हजार वेतन और रहना, खाना फ्री की बात कही है। स्मार्ट स्टाफ कंपनी ने बेंगलुरु में रेडीमेड कपड़ा कंपनी में सिलाई के काम की जानकारी दी थी। टिकट के लिए सभी से 400-400 रुपए लिए गए।
इसलिए मानव तस्करी का संदेह
आरपीएफ पुलिस ने जानकारी दी कि सभी बरामद युवतियों (CG Human Trafficking) से पूछताछ की गई तो सभी युवतियां ने कवर्धा जिले के पंडरिया विधानसभा क्षेत्र के अलग-अलग गांवों का निवास बताया।
युवतियों की उम्र 18 से 23 वर्ष के आसपास है। इन युवतियों के परिजन काफी कम पढ़े लिखे हैं, या फरि अनपढ़ हैं। ये ऐसे परिवार की लड़कियां हैं, जिनके परिजन पुलिस, प्रशासन तक भी नहीं पहुंच पाते हैं।
इन युवतियों का पढ़ाई का स्तर भी सामान्य ही है। इसके चलते वे खुद ही अपनी नौकरी को लेकर कुछ बता नहीं पा रही हैं। इसके चलते यह पूरा मामला मानव तस्करी के संदेह के घेरे में आ गया।
इस तरह के मामले पहले भी छत्तीसगढ़ में हो चुके हैं, इसलिए आरपीएफ पुलिस ने तत्परता दिखाकर सभी को वन स्टॉप सेंटर पहुंचाया।
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की जाएगी एजेंसी से पूछताछ
सूचना मिलने के बाद बीती देर शाम कवर्धा पुलिस (Kawardha Police) भी राजनांदगांव पहुंची। जहां परिजनों की मौजूदगी में युवतियों को कवर्धा लेकर आई। सभी युवतियों से पूछताछ की जा रही है।
साथ ही टिकट बुक करने वाले उमेश कुमार चंद्राकर ग्राम बघर्रा से भी पूछताछ की जाएगी। यह व्यक्ति प्लेसमेंट एजेंसी चलाता है या किसी तरह का कमीशन एजेंट है।
इधर कवर्धा एएसपी ने जानकारी दी कि जॉब एजेंसी (Job Agency) के दस्तावेजों की भी जांच की जाएगी। बताया जा रहा है कि सभी युवतियों ने कवर्धा में एक बैंक के सिलाई प्रशिक्षण केंद्र से सिलाई का काम सीखा था।