Rooh Afza: इफ्तार के दौरान लोगों की पसंद, रूह अफजा की कहानी

नई दिल्ली। रमजान के पवित्र महीने में मुसलमान रोजा रखते हैं। इस दौरान सूरज निकलने से लेकर सूर्यास्त तक कुछ भी खाया-पिया नहीं जाता है। सूरज निकलने से पहले सहरी की जाती है, मतलब सुबह फजर की अजान से पहले खा सकते हैं। इसके बाद शाम में लोग इफ्तारी करते हैं। इफ्तारी के समय मुस्लिम परिवारों में एक ठंडा पेय ‘रूह अफजा’ काफी फेमस है। लोग इसे जरूर पीते हैं। ऐसे में आईए जानते हैं रूह अफजा की कहानी।
गर्मी से बचने के लिए लोग पीते थे रूह अफजा
साल 1906 में हकीम अब्दुल मजीद ने पुरानी दिल्ली में ‘हमदर्द’ की स्थापना की, ये एक युनानी दवाई की दुकान थी। तब लोग दिल्ली में भीषण गर्मी से परेशान थे और बीमार पड़ रहे थे। ऐसे में हकीम ने लोगों को ठीक करने के लिए एक दवा इजाद की। जिसे रूह अफजा नाम दिया गया। तब लू और गर्मी से बचाने में हमदर्द का रूह अफजा कमाल का साबित हुआ।
लोग रूह अफजा को लेने के लिए घर से बर्तन लेकर जाते थे
जैसे-जैसे लोग रूह अफजा के बारे में जानने लगे, हकीम का दवाखाना फेमस हो गया। लोग इसे दवा नहीं बल्कि गर्मी से राहत देने वाले नुस्खे के रूप में पीने लगे। शुरूआती दिनों में हकीम अब्दुल मजीद इसे बोतलों में नहीं देते थे। बल्कि लोग इसे लेने के लिए घर से ही बर्तन लेकर जाते थे। दवाखाने पर रोजाना इतने लोग पहुंचते थे कि हकीम अब्दुल मजीद के दोनों बेटे भी अपने अब्बा के साथ ही काम करने लगे और पिता के व्यवसाय में हाथ बटाने लगे।
दवाखाने को कंपनी में बदला गया
देखते ही देखते 1920 में हमदर्द दवाखाना को एक कंपनी में बदल दिया गया। तब तक हकीम अब्दुल मजीद का भी निधन हो गया था। अब उनके दोनों बेटे अब्दुल हमीद और मोहम्मद सईद ही कंपनी को चलाने लगे। लेकिन 1947 में देश के विभाजन के वक्त रूह अफजा बनाने वाली हमदर्द कंपनी दो हिस्सों में बंट गई। क्योंकि छोटे भाई मोहम्मद सईद पाकिस्तान चले गए और उन्होंने करांची में हमदर्द की शुरूआत कर दी। पाकिस्तान में भी रूह अफजा काफी फेमस है। जबकि बड़े भाई अब्दुल हमीद मां के साथ हिंदुस्तान में ही रह गए और यहां का कारोबार देखने लगे।
इन चीजों से बनता है रूह अफजा
लोग रूह अफजा को शर्बत की तरह पानी में मिलाकर पीते हैं। इसके सिरप को बनाने के लिए कंपनी कई सारी जड़ी बूटियों, फलों और फूलों का इस्तेमाल करती है। इसमें पीसलेन, चिक्सर, अंगूर-किशमिश, यूरोपीय सफेद लिली, ब्लू स्टार वॉटर लिलि, कम, बोरोज, धनिया, नारंगी, नींबू, स्ट्रॉबरी, रास्पबेरी, चरी, तरबूज, पालक, गाजर, टकसाल, माफी हफ्गें, गुलाब, केवड़ा, वेटिवर आदि शामिल है।